Shukra Pradosh Vrat : वो खास दिन जब शिव जी की पूजा से जाग उठेगी सोई हुई किस्मत
News India Live, Digital Desk: Shukra Pradosh Vrat : हिन्दू धर्म में हर व्रत और त्योहार का अपना एक खास महत्व होता है, लेकिन प्रदोष व्रत को भगवान शिव की कृपा पाने के लिए सबसे उत्तम दिनों में से एक माना जाता है। कहते हैं कि इस दिन खुद महादेव प्रदोष काल में कैलाश पर नृत्य करते हैं और बहुत प्रसन्न मुद्रा में होते हैं। ऐसे में जो भी भक्त सच्ची श्रद्धा से उनकी पूजा करता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है।
अब सोचिए, अगर यह प्रदोष व्रत शुक्रवार के दिन पड़ जाए तो इसका महत्व कितना बढ़ जाता होगा? जी हाँ, जब प्रदोष व्रत शुक्रवार को पड़ता है, तो उसे 'शुक्र प्रदोष व्रत' कहा जाता है। यह दिन न केवल भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा पाने के लिए खास है, बल्कि यह उन लोगों के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं है, जिनकी कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर स्थिति में है।
कब है सितंबर 2025 का शुक्र प्रदोष व्रत?
इस साल सितंबर महीने का पहला प्रदोष व्रत 5 सितंबर 2025, शुक्रवार को रखा जाएगा।
- त्रयोदशी तिथि की शुरुआत: 5 सितंबर, सुबह 4 बजकर 08 मिनट से
- त्रयोदशी तिथि का समापन: 6 सितंबर, सुबह 3 बजकर 12 मिनट पर
पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त
प्रदोष व्रत की पूजा हमेशा प्रदोष काल में यानी सूर्यास्त के बाद और रात होने से पहले की जाती है। इस दिन पूजा का सबसे शुभ समय शाम 6 बजकर 28 मिनट से रात 8 बजकर 49 मिनट के बीच रहेगा।
क्यों इतना खास है शुक्र प्रदोष व्रत?
शुक्र ग्रह को ज्योतिष में सुख, समृद्धि, सौंदर्य, प्रेम और वैवाहिक जीवन का कारक माना जाता है। जब कुंडली में शुक्र कमजोर होता है, तो व्यक्ति को पैसों की तंगी, वैवाहिक जीवन में परेशानी और भौतिक सुखों की कमी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी और शुक्र देव को समर्पित है। ऐसे में जब इस दिन भगवान शिव का प्रिय प्रदोष व्रत पड़ता है, तो यह एक बहुत ही शुभ संयोग बनाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा-पाठ करने से:
- कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत होता है।
- धन, वैभव और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
- दांपत्य जीवन में चल रही परेशानियां दूर होती हैं और रिश्तों में मिठास आती है।
- सौभाग्य की वृद्धि होती है।
शुक्र ग्रह को मजबूत करने के कुछ आसान उपाय
इस दिन व्रत रखने के अलावा आप कुछ छोटे-छोटे उपाय करके भी शुक्र देव की कृपा पा सकते हैं:
- सफेद चीजों का दान: इस दिन दूध, दही, खीर, सफेद वस्त्र, चावल या चीनी जैसी सफेद चीजों का दान करना बहुत शुभ माना जाता है।
- देवी लक्ष्मी की पूजा: भगवान शिव के साथ-साथ देवी लक्ष्मी की भी पूजा करें।
- मंत्र जाप: शुक्र के मंत्र "ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः" का जाप करना बेहद लाभकारी होता है।
- साफ-सफाई: अपने घर और आसपास की जगह को साफ-सुथरा रखें, क्योंकि शुक्र देव को स्वच्छता बहुत पसंद है।
तो, अगर आप भी अपने जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली चाहते हैं, तो 5 सितंबर को पड़ने वाले इस शुक्र प्रदोष व्रत को पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ जरूर करें।
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