Shubh Muhurat : भगवान विष्णु का अनंत रूप गणेश विसर्जन के साथ यह है अनंत चतुर्दशी का रहस्य
- by Archana
- 2025-08-11 12:04:00
Newsindia live,Digital Desk: Shubh Muhurat : अनंत चतुर्दशी का पर्व दो हज़ार पच्चीस में दो सितंबर को मनाया जाएगा यह दिन भगवान विष्णु के अनंत रूपों की पूजा और गणेश विसर्जन के लिए समर्पित होता है हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि यह गणेश चतुर्थी के दस दिवसीय उत्सव के समापन का प्रतीक है
अनंत चतुर्दशी पर गणेश भक्त ढोल नगाड़ों और गुलाल के साथ गणपति प्रतिमाओं को विसर्जित करते हैं यह विसर्जन नदियों सरोवरों और तालाबों में किया जाता है ऐसी मान्यता है कि यह प्रक्रिया भगवान गणेश को अपने निवास स्थान पर वापस जाने में सहायता करती है जबकि उनकी ऊर्जा भक्तों को समृद्ध करती है और उनके जीवन में शांति व सौभाग्य लाती है
अनंत चतुर्दशी दो हज़ार पच्चीस का शुभ मुहूर्त
अनंत चतुर्दशी व्रत सोमवार दो सितंबर दो हज़ार पच्चीस
अनंत चतुर्दशी पूजा शुभ मुहूर्त
दो सितंबर दो हज़ार पच्चीस को सुबह छह बजकर बारह मिनट से शाम सात बजकर सत्ताईस मिनट तक
यह मुहूर्त भगवान विष्णु के भक्तो के लिए महत्त्वपूर्ण है जो उन्हें विशेष अनुष्ठानों में शामिल होने और उनकी पूजा में अपना पूर्ण भक्तिभाव देने का अवसर देता है
अनंत चतुर्दशी का महत्व
हिंदू परंपरा में अनंत चतुर्दशी कई आध्यात्मिक कारणों से महत्वपूर्ण मानी जाती है
भगवान विष्णु की पूजा इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप का ध्यान और पूजा की जाती है भक्त विशेष धागे बांधते हैं जिन्हें अनंत सूत्र कहा जाता है यह उनकी भक्ति को दर्शाता है
गणेश विसर्जन यह दिन गणपति विसर्जन के लिए महत्त्वपूर्ण है भक्त गणेश प्रतिमाओं को नदी में विसर्जित करके त्योहार को संपन्न करते हैं जिससे भगवान गणेश अपने निवास स्थान पर वापस चले जाते हैं यह त्योहार सद्भावना को बढ़ावा देता है और सांस्कृतिक विविधता को सम्मान दिलाता है
इच्छित इच्छाओं की पूर्ति भक्तों का मानना है कि इस दिन पूजा करने से सभी इच्छाएँ पूर्ण होती हैं खासकर यदि इसे सही लगन और पवित्रता के साथ किया जाए तो यह विशेष अवसर भगवान गणेश और विष्णु दोनों के दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने का समय है
गणपति के मंत्रों का जाप करें और श्रद्धापूर्वक विदाई करें ताकि अगले वर्ष वे फिर से आपके घरों में आ सकें अनंत चतुर्दशी केवल एक त्योहार नहीं है बल्कि आध्यात्मिक ज्ञान धार्मिक भक्ति और सामुदायिक सौहार्द का एक उत्सव है जो भक्तों को उनकी दैनिक दिनचर्या से जोड़ता है
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