Chhattisgarh : सूरजपुर का शर्मनाक कांड 4 साल के बच्चे को नंगा कर पेड़ से बांधा
News India Live, Digital Desk : हम भारतीय अपनी संस्कृति में शिक्षक (Teacher) को भगवान से भी ऊंचा दर्जा देते हैं। कबीर दास जी ने कहा था गुरु गोविंद दोऊ खड़े..." लेकिन, छत्तीसगढ़ के सूरजपुर से आज जो खबर सामने आई है, उसने इस पवित्र रिश्ते को तार-तार कर दिया है। इसे पढ़कर और सुनकर आपका भी दिल दहल जाएगा और गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच जाएगा।
मामला सूरजपुर के एक प्राइवेट स्कूल का है। यहाँ एक शिक्षिका ने "अनुशासन" के नाम पर दरिंदगी की सारी हदें पार कर दीं। सिर्फ 4 साल का एक छोटा सा बच्चा, जिसे शायद अभी ठीक से अपनी पैंट पहननी भी नहीं आती होगी, उसे ऐसी सजा दी गई कि इंसानियत शर्मसार हो गई।
आइए, आसान भाषा में जानते हैं कि आखिर हुआ क्या और अब उस टीचर के खिलाफ क्या कार्रवाई हो रही है।
हैवानियत की हद: कपड़े उतारे और पेड़ से बांध दिया
घटना एक निजी स्कूल की है। बताया जा रहा है कि एलकेजी (LKG) में पढ़ने वाले एक 4 साल के मासूम बच्चे ने क्लास में थोड़ी बहुत शरारत की होगी। बच्चे तो बच्चे होते हैं, शरारत नहीं करेंगे तो क्या करेंगे?
लेकिन टीचर को इतना गुस्सा आया कि वो आपा खो बैठीं। आरोप है कि टीचर उस बच्चे को स्कूल के ग्राउंड में ले गईं, उसके कपड़े उतारे और उसे नंगा करके स्कूल परिसर में लगे एक पेड़ से रस्सियों से बांध दिया।
ज़रा सोचिए, वो नन्हा बच्चा कितना डर गया होगा? वो रोता रहा, चिल्लाता रहा, लेकिन टीचर का दिल नहीं पसीजा। वो वहां खड़ी होकर तमाशा देखती रही।
वीडियो वायरल हुआ तो खुली पोल
इस पूरी घटना का वीडियो किसी ने चुपके से बना लिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो में साफ दिख रहा है कि बच्चा पेड़ से बंधा हुआ है और रो रहा है। जैसे ही यह वीडियो स्थानीय लोगों और बच्चे के माता-पिता तक पहुंचा, इलाके में हड़कंप मच गया।
माँ-बाप का गुस्सा और पुलिस का एक्शन
अपने जिगर के टुकड़े की ये हालत देखकर माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने तुरंत थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस भी वीडियो देखकर हैरान रह गई।
ताज़ा अपडेट के मुताबिक़:
- पुलिस और प्रशासन तुरंत हरकत में आया।
- आरोपी टीचर के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज कर ली गई है।
- स्कूल प्रबंधन (Management) से भी कड़े सवाल पूछे जा रहे हैं कि उनके स्कूल में ऐसा कैसे हो सकता है?
एक सवाल हम सबके लिए
दोस्तों, यह घटना सिर्फ सूरजपुर की नहीं है। यह हर उस माता-पिता के लिए खतरे की घंटी है जो अपने बच्चों को "प्राइवेट" और "बेहतर" स्कूल में भेजने के लिए दिन-रात मेहनत करके फीस भरते हैं। क्या स्कूल में हमारे बच्चे सुरक्षित हैं?
टीचर को पढ़ाने के लिए रखा जाता है, न कि जल्लाद बनने के लिए। बच्चे को प्यार से समझाया जा सकता था, लेकिन यह हरकत तो आपराधिक (Criminal) है।
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