सैमसंग गैलेक्सी ज़ेड ट्राईफोल्ड मजबूत होने का दावा, ड्यूरेबिलिटी टेस्ट में धड़ाम

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News India Live, Digital Desk: सैमसंग ने जिस नए ट्रिपल फोल्डेबल फोन, सैमसंग गैलेक्सी ज़ेड ट्राईफोल्ड (Samsung Galaxy Z Trifold) को 'सबसे एडवांस' और 'दमदार' बताकर लॉन्च किया था, वही फोन एक कड़े ड्यूरेबिलिटी टेस्ट में बुरी तरह फेल हो गया है. एक जाने-माने यूट्यूबर के बेंड टेस्ट में यह डिवाइस टूटकर बिखर गया, जिससे फोल्डेबल फोन के भविष्य और सैमसंग के दावों पर सवाल उठ रहे हैं.

बेंड टेस्ट में निकली हवा

प्रसिद्ध यूट्यूब चैनल जेरीरिगएवरीथिंग (JerryRigEverything) के होस्ट जैक नेल्सन ने गैलेक्सी ज़ेड ट्राईफोल्ड पर स्क्रैच, आग, धूल और बेंड जैसे कई कड़े टेस्ट किए. सबसे चौंकाने वाला परिणाम तब आया जब फोन पर उल्टा मोड़ने के लिए (रिवर्स बेंडिंग) दबाव डाला गया. दबाव पड़ते ही फोन का हिंज (कब्ज़ा) टूट गया और डिस्प्ले पर काले धब्बे फैल गए, यानी स्क्रीन खराब हो गई. नेल्सन के मुताबिक, यह पहला गैलेक्सी फोल्डेबल फोन है जो उनके इस खास रिवर्स बेंड टेस्ट में इतनी आसानी से और बुरी तरह फेल हो गया है.

यह इसलिए भी ज़्यादा चिंताजनक है क्योंकि सैमसंग ने अपने पिछले गैलेक्सी ज़ेड फोल्ड 7 (Galaxy Z Fold 7) को 'मजबूत' होने का दावा किया था और उसने ऐसे ही बेंड टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन किया था. ट्राईफोल्ड की यह दुर्दशा बताती है कि तीन बार मुड़ने वाला यह डिवाइस, जिसे लेकर इतनी उम्मीदें थीं, टिकाऊपन के मामले में काफी पीछे है.

धूल और खरोंच का भी डर

इतना ही नहीं, ट्राईफोल्ड की अंदरूनी स्क्रीन प्लास्टिक से बनी है. यह हल्की खरोंचों पर भी निशान छोड़ देती है, यानी चाबी या नाखून जैसी चीज़ें भी इसे आसानी से खराब कर सकती हैं. धूल टेस्ट के दौरान हिंज से अजीब-सी आवाजें आने लगीं, जो इशारा करती है कि रोज़मर्रा की जिंदगी में धूल-मिट्टी के संपर्क में आने पर भी यह फोन मुश्किल पैदा कर सकता है.

विशेषज्ञों का कहना है कि फोल्डेबल फोन में सामान्य स्मार्टफोन की तुलना में अधिक चलने वाले पुर्जे होते हैं, जिससे उन्हें मजबूत बनाना एक बड़ी चुनौती है. सैमसंग ने इसमें 'आर्मर एल्युमीनियम फ्रेम' लगाने का दावा किया था, लेकिन टेस्ट से पता चला है कि ट्राईफोल्ड का पतला फ्रेम और एंटीना लाइनें ही इसकी सबसे बड़ी कमजोर कड़ी साबित हुईं. यूट्यूब पर जैक नेल्सन ने साफ कहा कि हिंज तो सीधे नहीं टूटे, लेकिन फ्रेम इतना कमजोर था कि फोन तुरंत खराब हो गया.

यह घटना सवाल उठाती है कि क्या तीन बार फोल्ड होने वाली (ट्रिपल-फोल्डिंग) तकनीक, जो स्मार्टफोन के भविष्य को बदल सकती है, अभी भी आम इस्तेमाल के लिए पर्याप्त रूप से मजबूत नहीं बन पाई है.

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