Salon Hygiene : नाई की लापरवाही से फैलता हेपेटाइटिस, सैलून जाने से पहले रहें सावधान
News India Live, Digital Desk: Salon Hygiene : क्या आप जानते हैं कि जिस सैलून में आप बाल कटवाने या शेविंग कराने जाते हैं, वह अनजाने में हेपेटाइटिस बी और सी जैसे गंभीर संक्रमणों का स्रोत बन सकता है? नाई द्वारा औजारों को ठीक से साफ न करने की एक छोटी सी लापरवाही आपकी सेहत पर भारी पड़ सकती है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के सोनसारी गांव में ऐसे 95 मामले सामने आए हैं, जिसने इस खतरे को और भी उजागर कर दिया है। यहां गांव में नाइयों के ठीक से कीटाणुरहित न किए गए ब्लेड और औजारों के इस्तेमाल से हेपेटाइटिस बी और सी फैलने की आशंका जताई जा रही है।
हेपेटाइटिस बी और सी रक्त-जनित बीमारियां हैं, यानी ये संक्रमित रक्त या शरीर के अन्य तरल पदार्थों के संपर्क में आने से फैलती हैं। सैलून में इस्तेमाल होने वाले उस्तरा, ब्लेड, कैंची, और ट्रिमर जैसे तेज औजार यदि एक ग्राहक के रक्त के संपर्क में आते हैं और उन्हें अगले ग्राहक पर इस्तेमाल करने से पहले ठीक से स्टेरलाइज नहीं किया जाता, तो वायरस फैल सकता है। यहां तक कि रक्त की सूक्ष्म मात्रा भी संक्रमण फैला सकती है, क्योंकि हेपेटाइटिस सी वायरस सतहों पर दो हफ्ते तक सक्रिय रह सकता है, और हेपेटाइटिस बी सात दिनों तक।
लक्षण और गंभीरता
हेपेटाइटिस बी और सी दोनों ही वायरस लिवर को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं और क्रोनिक हेपेटाइटिस, लिवर सिरोसिस (लिवर का सिकुड़ना), और यहां तक कि लिवर कैंसर का कारण भी बन सकते हैं। शुरुआती अवस्था में इन बीमारियों के लक्षण तुरंत दिखाई नहीं देते, जिससे इनका निदान अक्सर देर से होता है। सामान्य लक्षणों में थकान, मांसपेशियों में दर्द, भूख न लगना, पेट में दर्द, पीलिया (त्वचा और आंखों का पीला पड़ना), गहरे रंग का पेशाब, उल्टी, और कमजोरी शामिल हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में दुनियाभर में हेपेटाइटिस बी और सी से करीब 13 लाख मौतें हुईं। भारत में भी लगभग 3.5 करोड़ हेपेटाइटिस बी और 50 लाख हेपेटाइटिस सी के मरीज हैं।
बचाव के उपाय
सैलून में इस प्रकार के संक्रमण से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतना बेहद ज़रूरी है:
नया/डिस्पोजेबल ब्लेड और औजारों का प्रयोग: सुनिश्चित करें कि नाई हर ग्राहक के लिए नया ब्लेड और कीटाणुरहित औजारों का इस्तेमाल करें।[2][14] यदि संभव हो, तो अपने खुद के स्टेरलाइज्ड औजार साथ ले जाएं।
स्वच्छता का ध्यान: देखें कि सैलून में साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जा रहा है और नाई प्रत्येक ग्राहक के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह धो रहे हैं।
टीकाकरण: हेपेटाइटिस बी के लिए टीका उपलब्ध है। नवजात शिशुओं, स्वास्थ्य सेवा कर्मियों, और उच्च जोखिम वाले वयस्कों को इसका टीकाकरण करवाना चाहिए।
जागरूकता: खुद जागरूक रहें और अपने आस-पास के लोगों को भी इस खतरे और बचाव के उपायों के बारे में शिक्षित करें।
घरेलू उपकरण साझा न करें: घर में भी रेज़र, टूथब्रश, या नाखून काटने वाले औजार किसी के साथ साझा न करें
चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, प्रारंभिक निदान और उपचार हेपेटाइटिस बी और सी से निपटने की कुंजी हैं। हेपेटाइटिस सी के लिए डायरेक्ट-एक्टिंग एंटीवायरल (DAA) दवाएं उपलब्ध हैं जो इसे पूरी तरह ठीक कर सकती हैं, जबकि हेपेटाइटिस बी के लिए भी दवाएं वायरस को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करती हैं।
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