8वें वेतन आयोग से सैलरी तो बढ़ेगी, पर आपका DA जीरो क्यों हो जाएगा? समझिए पूरा खेल
8वें वेतन आयोग को मंजूरी मिलने की खबर से सरकारी कर्मचारियों में खुशी की लहर है। आख़िरकार, सैलरी में एक बड़ा उछाल जो देखने को मिलेगा! लेकिन इस खुशी के साथ एक पुराना सवाल फिर से खड़ा हो जाता है – "हर नए वेतन आयोग के बाद हमारा महंगाई भत्ता (DA) ज़ीरो क्यों हो जाता है?"
यह सवाल लगभग हर कर्मचारी के मन में आता है। तो चलिए, आज इस कन्फ्यूजन को हमेशा के लिए दूर करते हैं और इस पूरे गणित को आसान भाषा में समझते हैं।
सबसे पहले, DA का असली काम क्या है?
इसे ऐसे समझिए कि महंगाई भत्ता (DA) आपकी सैलरी का एक अस्थायी हिस्सा है। सरकार इसे हर छह महीने में इसलिए बढ़ाती है ताकि बढ़ती महंगाई का आपकी जेब पर सीधा असर न पड़े। यह एक तरह का "टॉप-अप" है जो आपकी सैलरी की ताकत को बाज़ार के हिसाब से बनाए रखता है।
अब आता है वेतन आयोग का रोल
हर 10 साल में एक वेतन आयोग आता है, जो सिर्फ छोटा-मोटा "टॉप-अप" नहीं करता, बल्कि आपकी पूरी सैलरी के स्ट्रक्चर को ही बदल देता है। यह पिछले 10 साल की कुल महंगाई को देखता है और आपकी बेसिक सैलरी को ही इतना बढ़ा देता है कि वह आज के समय के खर्चों के हिसाब से हो जाए।
असली जादू: DA का बेसिक सैलरी में विलय (Merger)
यहीं पर आपके सवाल का जवाब छिपा है। नया वेतन आयोग लागू होने से ठीक पहले, आपका DA आपकी बेसिक सैलरी का एक बड़ा हिस्सा (जैसे 40-50% या उससे भी ज़्यादा) बन चुका होता है।
नया वेतन आयोग क्या करता है? वह आपके उस पूरे DA को आपकी पुरानी बेसिक सैलरी में हमेशा के लिए जोड़ देता है। इस जोड़ने के लिए एक 'जादुई नंबर' का इस्तेमाल होता है, जिसे फिटमेंट फैक्टर कहते हैं।
तो DA ज़ीरो क्यों हो जाता है?
इसे ऐसे समझिए कि सरकार ने आपका पुराना हिसाब-किताब (यानी अब तक का सारा DA) आपकी नई बेसिक सैलरी में मिलाकर चुकता कर दिया है।
जब तक सारी महंगाई आपके नए मूल वेतन में जुड़ चुकी है, तब तक उस पुरानी महंगाई के लिए अलग से DA देने का कोई मतलब नहीं है। इसलिए, DA मीटर को शून्य पर रीसेट कर दिया जाता है, ताकि अब भविष्य में नई महंगाई की माप शून्य से शुरू हो सके।
एक उदाहरण से समझिए पूरा गणित
मान लीजिए, 8वें वेतन आयोग से पहले:
- आपकी बेसिक सैलरी: ₹40,000
- महंगाई भत्ता (DA): 46% (यानी ₹18,400)
- आपकी कुल कमाई (बिना भत्तों के): ₹58,400
अब 8वां वेतन आयोग आया और मान लीजिए फिटमेंट फैक्टर 2.57 तय हुआ।
- आपकी नई बेसिक सैलरी = ₹40,000 x 2.57 = ₹1,02,800
- आपका नया DA = 0% (क्योंकि ₹18,400 का हिसाब नई बेसिक सैलरी में पहले ही हो चुका है)
अब भविष्य में जब भी महंगाई बढ़ेगी, तो वह आपकी इस नई और बढ़ी हुई बेसिक सैलरी (₹1,02,800) पर कैलकुलेट होगी।
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