महिलाओं की मदद के लिए सखी वन स्टाॅप सेंटर 24 घंटे सातों दिन तत्पर: रेणु

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कोरबा, 18 नवंबर (हि.स. )। घर-परिवार या समाज के कोई भी वर्ग की ऐसी महिलाएं जो ट्रॉमा यानि किसी प्रकार के मनोवैज्ञानिक आघात से गुजर रहीं हैं, उनकी मदद के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग हर क्षण तैयार है। सखी वन स्टाॅप सेंटर के माध्यम से ऐसी कठिनाइयों से जूझ रहीं युवतियों और महिलाओं को शरण प्रदान करने के साथ उस सदमें से उबारने के लिए चैबीस घंटे सातों दिन तत्परता से कार्यरत है। अगर आपके संपर्क में ऐसा कोई भी मामला आता है, तो एक जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य निभाते हुए हमें किसी भी समय संपर्क कर सकते हैं, मैं उन्हें हर संभव सहायता का विश्वास दिलाती हूं।

यह बातें सोमवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जमनीपाली द्वारा वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई की जयंती तथा मिशन साहसी का कार्यक्रम के समापन सत्र पर बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहीं महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती रेणु प्रकाश ने कहीं। सरस्वती शिशु मंदिर एचटीपीपी काॅलोनी में यह कार्यक्रम अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जमनीपाली के नगर मंत्री कृष्णा अग्रवाल के नेतृत्व में आयोजित किया गया। कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती रेणु प्रकाश ने प्रशिक्षण में शामिल छात्राओं व युवतियों को मार्गदर्शन प्रदान करते हुए बताया कि सखी वन स्टॉप सेंटर, महिलाओं और बालिकाओं के खिलाफ हो रही हिंसा से निपटने के लिए बनाई गई एक योजना है। इस योजना के तहत, हिंसा से पीड़ित महिलाओं और बालिकाओं को एक ही जगह पर कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं। इनमें अस्थायी आश्रय, पुलिस-डेस्क, विधि सहायता, चिकित्सा, काउंसलिंग शामिल है। इस योजना का उद्देश्य हिंसा से प्रभावित महिलाओं को एकीकृत रूप से सहायता और समर्थन देना है। इसके लिए महिलाओं को तत्काल, आपातकालीन और गैर-आपातकालीन सेवाएं दी जाती हैं। इनमें चिकित्सा, कानूनी, मनोवैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक आघात से उबरने परामर्श जैसी सेवाएं शामिल हैं। इस योजना को सखी के नाम से जाना जाता है।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रुप में महिला सेल की ओर से सहायक उप निरीक्षक श्रीमती नीलम केरकेट्टा उपस्थित रहीं। उनके मार्गदर्शन में महिला आरक्षक प्रतिभा राॅय ने प्रशिक्षण में शामिल छात्राओं को अभिव्यक्ति एप के महत्व एवं उपयोगिता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। उन्हें बताया गया कि किसी आपात स्थिति में कैसे तत्काल मदद बुलाई जा सकती है और एप के जरिए अपनी शिकायत भी दर्ज कराई जा सकती है।