रात भर रहते हैं बेचैन? आपके पुराने गद्दे में छिपा हो सकता है इसका राज़

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क्या आपको रात में ठीक से नींद नहीं आती? क्या आप सुबह उठते हैं तो कमर या गर्दन में दर्द महसूस होता है? अगर इन सवालों का जवाब 'हां' है, तो हो सकता है कि इसका कारण आपके कमरे में मौजूद आपका पुराना गद्दा हो. हम अक्सर अपने घर की बाकी चीज़ों पर तो ध्यान देते हैं, लेकिन गद्दे को तब तक नहीं बदलते, जब तक वह पूरी तरह से खराब न हो जाए. लेकिन एक पुराना गद्दा आपकी सेहत के लिए कितना खतरनाक हो सकता है, शायद इसका अंदाज़ा आपको नहीं होगा.

क्यों खतरनाक है पुराना गद्दा?

1. कमर और पीठ दर्द का घर: समय के साथ गद्दे ढीले पड़ जाते हैं और बीच में से धंसने लगते हैं. ऐसे में जब आप सोते हैं, तो आपकी रीढ़ की हड्डी को सही सपोर्ट नहीं मिल पाता, जिससे सुबह उठने पर कमर, पीठ और गर्दन में दर्द की शिकायत होने लगती है. अगर इसे नज़रअंदाज़ किया जाए, तो यह दर्द एक गंभीर समस्या बन सकता है.

2. एलर्जी और इन्फेक्शन का खतरा: हमारा शरीर सोते समय पसीना और त्वचा की मृत कोशिकाएं छोड़ता है, जो धीरे-धीरे गद्दे में जमा होती रहती हैं. यह नमी और गंदगी धूल के कणों (dust mites) और बैक्टीरिया के लिए एक बेहतरीन घर बन जाती है. यही वजह है कि कई लोगों को सुबह उठते ही छींक आना, नाक बहना या त्वचा पर खुजली जैसी एलर्जी की समस्या होने लगती है.

3. नींद में रुकावट: एक आरामदायक गद्दा अच्छी नींद के लिए बहुत ज़रूरी है. अगर आपका गद्दा जगह-जगह से ऊबड़-खाबड़ या धंसा हुआ है, तो आपको रात में आराम महसूस नहीं होगा. आप बार-बार करवटें बदलते रहेंगे, जिससे आपकी नींद की क्वालिटी खराब होगी और आप दिनभर थका हुआ और चिड़चिड़ा महसूस करेंगे.

कब बदल देना चाहिए गद्दा?

आमतौर पर एक अच्छे गद्दे की उम्र 7 से 10 साल होती है. लेकिन अगर आपको ऊपर बताई गई कोई भी समस्या महसूस हो रही है, या आपके गद्दे में गड्ढे बन गए हैं, तो इसे बदलने में बिल्कुल भी देरी न करें. एक अच्छी नींद आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है, और इसमें आपका गद्दा एक अहम भूमिका निभाता है.

 

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