Reproductive health : हार्मोनल असंतुलन और बांझपन क्या दीर्घकालिक तनाव है मुख्य कारण
- by Archana
- 2025-07-31 15:06:00
News India Live, Digital Desk: Reproductive health : क्या दीर्घकालिक या पुराना तनाव हमारे प्रजनन हार्मोन को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है? आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव एक आम समस्या बन गई है, लेकिन इसका हमारे शारीरिक स्वास्थ्य, विशेषकर प्रजनन क्षमता पर गहरा असर पड़ सकता है। क्रोनिक स्ट्रेस, या लंबे समय तक रहने वाला तनाव, शरीर में हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ सकता है, जिससे पुरुषों और महिलाओं दोनों में प्रजनन से जुड़ी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
तनाव के दौरान, हमारा शरीर कोर्टिसोल और एड्रेनालिन जैसे स्ट्रेस हार्मोन जारी करता है। जब यह प्रतिक्रिया लगातार बनी रहती है, तो यह प्रजनन प्रक्रिया को सीधे तौर पर प्रभावित कर सकती है। महिलाओं में, यह हार्मोनल असंतुलन मासिक धर्म की अनियमितता, ओव्यूलेशन में समस्या, और अंडे की गुणवत्ता में कमी का कारण बन सकता है।पुरुषों में, तनाव शुक्राणु उत्पादन को बाधित कर सकता है, जिससे उनकी संख्या और गुणवत्ता प्रभावित होती है।
यह समझना महत्वपूर्ण है कि तनाव केवल मनोवैज्ञानिक नहीं होता बल्कि इसके शारीरिक प्रभाव भी होते हैं जो प्रजनन स्वास्थ्य पर गंभीर परिणाम छोड़ सकते हैं।प्रजनन समस्याओं से जूझ रहे दंपतियों के लिए तनाव प्रबंधन और समग्र स्वास्थ्य पर ध्यान देना इस यात्रा में मदद कर सकता है।
--Advertisement--
Tags:
Share:
--Advertisement--