भारत वर्ष के सांस्कृतिक नायक हैं रामः इन्द्रेश कुमार

वाराणसी, 17 अप्रैल (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश कुमार ने बुधवार को कहा कि भगवान राम भारत वर्ष के सांस्कृतिक नायक हैं, वे सबके हैं और सबमें हैं। जब वो किसी में भेद नहीं करते तो हम भेद करने वाले कौन हैं।

इन्द्रेश कुमार बुधवार को विशाल भारत संस्थान एवं रामपंथ की पहल पर लमही स्थित सुभाष भवन में आयोजित रामपंथ के महादीक्षा संस्कार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रामपंथ ने राम परिवार भक्ति आन्दोलन की शुरुआत कर देश में सांस्कृतिक पुनर्जागरण का आगाज कर दिया। दीक्षा के जरिए घर-घर, बस्ती-बस्ती तक राम की भक्ति पहुंचेगी। परिवार बचेगा, संबंध बनेगा और बच्चे संस्कारवान बनेंगे।

रामपंथ के धर्माध्यक्ष महंत बालक दास और पंथाचार्य डॉ. राजीव ने तीन राज्यों और 11 जिलों के लोगों को राम मंत्र देकर दीक्षित किया। दीक्षित होने वालों को भगवान राम परिवार का चित्र, खजाने के लिए अक्षत और पवित्र माला दिया गया। इसी के साथ कार्यक्रम में आए दलित, आदिवासी, किन्नर और महिलाएं दीक्षा लेकर पुजारी बन गईं। रामपंथ ने प्रत्येक 20 परिवार पर एक पुजारी की नियुक्ति की ताकि घर-घर में प्रतिदिन भगवान राम की पूजा हो सके।

महंत बालक दास ने कहा कि गुरु मंत्र कोई ले सकता है। इसमें धर्म और जाति का भेद कैसा। जो लोग किसी मुसीबत में फंसें तो अपने गुरु मंत्र को याद करें। गुरु मंत्र किसी भी मुसीबत से निकलने में सहायता करेगा।

डॉ. राजीव ने कहा कि 20 से 50 घरों का भक्ति समूह बनाया जाएगा। 1100 पुजारी प्रतिदिन राम परिवार की पूजा कराकर राम अमृत लोगों तक पहुंचाएंगे। अब मुसहर, दलित, आदिवासी और महिलाएं पुजारी बनने का सौभाग्य प्राप्त कर चुकी हैं। संस्कृति के विस्तार और रामभक्ति आंदोलन को जन-जन तक पहुंचने का काम रामपंथी करेंगे। लमही में ही राम संबंध मंदिर बन रहा है जहां हर धर्म के लोग प्रवेश कर सकेंगे। पूजा करने और पूजा कराने में कोई भेद नहीं होगा। सबको समान धार्मिक अधिकार होगा।