Rajasthan Weather: शिमला मनाली भूल जाइए फतेहपुर में जम गई बर्फ, माइनस में जाने वाला है पारा

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News India Live, Digital Desk : अगर आप Rajasthan में रहते हैं, तो आपने महसूस किया होगा कि पिछले 24 घंटों में मौसम ने कैसे यू-टर्न (U-Turn) मारा है। जिस गुलाबी ठंड के मज़े हम ले रहे थे, वो अब 'हड्डियां गलाने वाली' सर्दी में बदल चुकी है। शेखावाटी अंचल (सीकर, चूरू, झुंझुनूं) का हाल तो ऐसा है कि सुबह-सुबह नलों का पानी भी बर्फीला लग रहा है।

खबर आ रही है कि Fatehpur Shekhawati और Mount Abu में सर्दी ने अपने तीखे तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। पारा इतना गिर गया है कि खेतों और गाड़ियों पर ओस की बूंदें अब बर्फ (Frost) बनकर जमने लगी हैं।

आइए, आसान भाषा में जानते हैं कि मरुधरा में ठंड का ये 'अत्याचार' कैसा है और आने वाले दिनों में क्या होने वाला है।

फतेहपुर बना 'शिमला'

सीकर जिले का फतेहपुर हमेशा की तरह सर्दी में बाज़ी मार ले गया है। यहाँ कृषि अनुसंधान केंद्र (Agriculture Research Center) पर जो तापमान मापा गया, उसने सबको चौंका दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहाँ पारा जमाव बिंदु (Freezing Point) के बिल्कुल करीब पहुँच गया है।

सुबह के वक्त जो लोग खेतों में गए या जिन्होंने अपनी कार बाहर खड़ी की थी, उन्होंने देखा कि विंडशील्ड (Windshield) पर बर्फ की पतली सफेद चादर बिछी हुई थी। लोग अब मजाक में कह रहे हैं"भाई, पहाड़ों पर जाने की क्या ज़रुरत, जब अपना फतेहपुर ही मनाली बन गया है!"

चूरू और माउंट आबू का हाल

सिर्फ फतेहपुर ही नहीं, Churu जिसे राजस्थान का 'फ्रीजर' कहा जाता है वहाँ भी ठिठुरन बढ़ गई है। यहाँ रात का तापमान तेजी से नीचे जा रहा है। वहीं, प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन Mount Abu में तो पर्यटकों को तीन-तीन जैकेट पहनने पड़ रहे हैं। वहां का न्यूनतम तापमान भी लुढ़ककर नीचे आ गया है, जिससे वहां की नक्की झील (Nakki Lake) के आस-पास का नज़ारा बेहद सर्द हो गया है।

क्यों हो रही है इतनी ठंड?

मौसम विभाग (Weather Department) का कहना है कि उत्तर भारत (Himalayas) में हो रही बर्फबारी के चलते वहां से जो ठंडी हवाएं आ रही हैं, वो सीधी राजस्थान में एंट्री कर रही हैं। चूंकि यहाँ खुला रेगिस्तानी इलाका है, इसलिए रात को ज़मीन जल्दी ठंडी हो जाती है और तापमान गिर जाता है।

कोहरा और खेती पर असर

कड़ाके की सर्दी के साथ-साथ कई इलाकों में सुबह-सुबह घना कोहरा (Dense Fog) भी देखने को मिल रहा है। इससे हाईवे पर गाड़ियों की रफ़्तार धीमी पड़ गई है। हालांकि, यह सर्दी गेहूँ (Wheat) और सरसों की फसल के लिए 'अमृत' मानी जाती है, लेकिन अगर पाला (Frost) ज्यादा गिर गया, तो किसानों की मेहनत खराब भी हो सकती है। किसान भाई अब फसलों को बचाने के लिए रात में हल्का पानी देने या धुआं करने के उपाय कर रहे हैं।

सावधान रहें!

मौसम वैज्ञानिकों ने अलर्ट दिया है कि अगले कुछ दिनों तक राहत की उम्मीद कम है।

  • सुबह-शाम बाइक चलाते वक्त पूरे कपड़े पहनें।
  • बच्चों और बुजुर्गों को सीधी हवा से बचाएं।

राजस्थान का मौसम कब क्या रंग दिखाए, कोई नहीं जानता। अभी तो बस शुरुआत है, असली 'जाड़ा' अभी बाकी है मेरे दोस्त!

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