Rajasthan BJP List : क्या भजनलाल शर्मा और मदन राठौड़ की ये नई टीम 2029 का रास्ता साफ कर पाएगी?
News India Live, Digital Desk: जिसका इंतजार हमारे प्रदेश के बीजेपी कार्यकर्ता और सियासी पंडित पिछले कई दिनों से कर रहे थे, आखिर वो लिस्ट सामने आ ही गई। जयपुर से लेकर दिल्ली तक जिस लिस्ट को लेकर कयासों का बाजार गर्म था, उस पर से पर्दा उठ चुका है।
राजस्थान बीजेपी (Rajasthan BJP) ने अपनी नई प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा कर दी है। प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ (Madan Rathore) ने अपनी नई टीम में अनुभव और जोश दोनों को साधने की कोशिश की है। लिस्ट को देखकर साफ लगता है कि पार्टी ने बहुत फूंक-फूंक कर कदम रखा है।
कैसा है टीम का 'स्ट्रक्चर'?
इस नई कार्यकारिणी को छोटा लेकिन प्रभावी रखने की कोशिश की गई है। चलिए, सीधे गणित पर बात करते हैं। मदन राठौड़ की इस नई टीम में:
- 9 उपाध्यक्ष (Vice Presidents) बनाए गए हैं।
- 4 महामंत्री (General Secretaries) के कंधों पर संगठन को चलाने की जिम्मेदारी होगी।
- 7 मंत्री (Secretaries) शामिल किए गए हैं जो टीम को सपोर्ट करेंगे।
जाति और क्षेत्र का 'परफेक्ट मिक्स'
लिस्ट पर नजर डालें तो साफ है कि यह सिर्फ नामों की सूची नहीं है, बल्कि 'सोशल इंजीनियरिंग' का एक बेहतरीन नमूना है। बीजेपी ने कोशिश की है कि किसी भी समाज या क्षेत्र को यह न लगे कि उनकी अनदेखी हुई है।
मेवाड़ हो, मारवाड़ हो या शेखावाटी—हर अंचल को प्रतिनिधित्व देने की पूरी कोशिश की गई है। साथ ही, ओबीसी (OBC), सामान्य वर्ग और दलित समाज के बीच भी संतुलन बनाने का प्रयास किया गया है। माना जा रहा है कि यह टीम सिर्फ संगठन चलाने के लिए नहीं, बल्कि आने वाले स्थानीय निकाय और पंचायत चुनावों को ध्यान में रखकर बनाई गई है।
काम करने वालों को ईनाम!
इस बार की लिस्ट में एक खास बात यह दिखी कि जमीनी स्तर पर काम करने वाले चेहरों को तवज्जो दी गई है। कुछ ऐसे नाम सामने आए हैं जो मीडिया की सुर्खियों में भले कम रहते हों, लेकिन संगठन में उनकी पकड़ मजबूत है। वहीं, कुछ पुराने और बड़े चेहरों को टीम में जगह नहीं मिली है, जिसे लेकर कानाफूसी शुरू हो गई है।
भजनलाल सरकार के साथ तालमेल
राजनीति में सत्ता और संगठन के बीच तालमेल होना बहुत जरूरी होता है। मदन राठौड़ ने जो टीम चुनी है, उसमें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) के साथ बेहतर समन्वय की झलक भी दिखाई दे रही है। मकसद साफ है—सरकार की योजनाओं को जनता तक ले जाना और कार्यकर्ताओं की नाराजगी (अगर कोई हो) को दूर करना।
चुनौतियां कम नहीं हैं...
भले ही नई टीम बन गई हो, लेकिन रास्ता आसान नहीं है। उपचुनावों के मिले-जुले नतीजों के बाद पार्टी में नया जोश भरना इस टीम की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होगी। अब देखना यह है कि ये नए पदाधिकारी कार्यकर्ताओं की उम्मीदों पर कितना खरा उतरते हैं।
आपको मदन राठौड़ की यह नई टीम कैसी लगी? क्या आपके क्षेत्र के किसी नेता को जगह मिली? हमें कमेंट करके जरूर बताएं!
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