Railway New Rule : स्टेशन काउंटर से टिकट चाहिए? तो अब OTP बताना होगा ज़रूरी, जान लें रेलवे का ये नया नियम

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News India Live, Digital Desk : हम सब जानते हैं कि भारत में ट्रेन की कन्फर्म टिकट पाना किसी जंग लड़ने से कम नहीं है। खासकर जब त्यौहारों का मौसम हो या छुट्टियों का समय, तब तो Tatkal Ticket के लिए लोग रात-रात भर स्टेशन पर सोते हैं।

लेकिन सबसे ज्यादा गुस्सा तब आता है जब हम लाइन में लगे रहते हैं और दलाल (Agents) या कुछ चालाक लोग फर्जीवाड़ा करके सारी टिकटें उड़ा ले जाते हैं। इसी धांधली को रोकने के लिए Indian Railways ने अब एक ऐसा 'मास्टरस्ट्रोक' नियम लागू किया है, जिससे आम यात्री को बड़ी राहत मिलने वाली है।

खबर यह है कि अब रेलवे रिजर्वेशन काउंटर (PRS Counter) से टिकट लेने या कैंसल कराने के लिए OTP (One Time Password) आधारित सिस्टम को और सख्त और अनिवार्य किया जा रहा है।

आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि ये नया नियम कैसे काम करेगा और इससे आपको क्या फायदा होगा।

क्यों ज़रूरी किया गया OTP?

अब तक क्या होता था? काउंटर पर टिकट बुक कराते समय फॉर्म में लोग कोई भी मोबाइल नंबर लिख देते थे। दलाल अक्सर इसका फायदा उठाते थे और फर्जी नंबरों से टिकट ब्लॉक कर लेते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा।

रेलवे का मकसद साफ़ है"टिकट उसी को मिले जो असली यात्री हो या जो लाइन में खड़ा हो।" इस नए सिस्टम से टिकटों की कालाबाजारी (Black Marketing) पर सीधी चोट पड़ेगी।

कैसे काम करेगा ये नियम?

जब आप स्टेशन के रिजर्वेशन काउंटर पर टिकट बुक कराने जाएंगे, तो प्रोसेस कुछ ऐसा होगा:

  1. सही नंबर: आपको क्लर्क को अपना वो मोबाइल नंबर देना होगा जो आपके पास मौजूद है।
  2. OTP: जैसे ही क्लर्क सिस्टम में आपका नंबर डालेगा, आपके फ़ोन पर तुरंत एक OTP (पासवर्ड) आएगा।
  3. वेरिफिकेशन: आपको वो OTP क्लर्क को बताना होगा। जब क्लर्क उसे सिस्टम में भरेगा, तभी टिकट का प्रिंट निकलेगा।

यही नियम टिकट कैंसिलेशन (Refund) के लिए भी लागू होगा। ताकि कोई दूसरा व्यक्ति आपकी टिकट कैंसल कराकर पैसा न हड़प सके।

दलालों की अब खैर नहीं

इस नियम का सबसे बड़ा असर उन एजेंट्स पर पड़ेगा जो फर्जी सॉफ्टवेयर या जुगाड़ से टिकटें निकालते थे। चूंकि अब हर टिकट के लिए एक लाइव मोबाइल और OTP की ज़रूरत होगी, तो उनका फर्जीवाड़ा पकड़ में आ जाएगा।

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इससे सिस्टम में पारदर्शिता (Transparency) आएगी और जो लोग घंटों लाइन में खड़े होकर अपनी बारी का इंतज़ार करते हैं, उन्हें कन्फर्म सीट मिलने के चांस बढ़ जाएंगे।

यात्रियों के लिए सलाह

तो भैया, अब जब भी आप टिकट लेने स्टेशन जाएं, तो इन दो बातों का खास ख्याल रखें:

  • अपना मोबाइल फ़ोन साथ लेकर जाएं।
  • सुनिश्चित करें कि उसमें बैलेंस/नेटवर्क हो ताकि SMS आ सके।

अगर फोन घर भूल गए, तो काउंटर से टिकट मिलना मुश्किल हो जाएगा। रेलवे का यह कदम थोड़ी सख्ती भरा ज़रूर है, लेकिन हम जैसे आम यात्रियों के हक में है। उम्मीद है अब "तत्काल" में टिकट मिलने की "उम्मीद" थोड़ी और बढ़ेगी!

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