Punjab Vidhan Sabha : क्या बदल जाएंगे नियम? पवित्र शहर के प्रस्ताव पर कन्फ्यूजन दूर करते हुए स्पीकर ने दिया ये बयान

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News India Live, Digital Desk: पंजाब की सियासत और धार्मिक मुद्दों में गहरा नाता है। हाल ही में पंजाब विधानसभा में एक अहम प्रस्ताव पास हुआ, जिसने पूरे प्रदेश में चर्चा छेड़ दी है। यह मुद्दा है 'पवित्र शहर' (Holy City) के दर्जे का।

पंजाब विधानसभा में अमृतसर (या अन्य धार्मिक शहरों) को लेकर एक प्रस्ताव लाया गया था, जिस पर अब थोड़ी खींचतान और कन्फ्यूजन देखने को मिल रहा था। इसी कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां (Kultar Singh Sandhwan) को खुद सामने आकर सफाई देनी पड़ी है।

आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि आखिर सदन के अंदर क्या हुआ था और स्पीकर साहब को स्पष्टीकरण (Clarification) क्यों देना पड़ा।

क्या था वो प्रस्ताव? (The Holy City Resolution)

दरअसल, पंजाब विधानसभा के सत्र के दौरान एक मत (प्रस्ताव) पास किया गया था। इसका मकसद अमृतसर (श्री दरबार साहिब के आसपास का इलाका) या अन्य धार्मिक शहरों की 'पवित्रता' और 'मर्यादा' को बनाए रखने से जुड़ा था।
आमतौर पर इसका मतलब मांस, मदिरा या तंबाकू की बिक्री पर सख्ती या पूर्ण पाबंदी से जुड़ा होता है, ताकि श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस न पहुंचे।

विवाद कहाँ फंसा? (Why the confusion?)

जब यह खबर बाहर आई, तो कुछ सियासी गलियारों और सोशल मीडिया पर इसे लेकर तरह-तरह की बातें होने लगीं। कुछ लोगों ने इसे नियमों में बदलाव बताया तो कुछ ने इस पर सवाल उठाए। चर्चा यह थी कि क्या इस प्रस्ताव पर सभी पार्टियां राजी थीं या इसे जबरन पास किया गया?

स्पीकर संधवां ने क्या कहा? (Speaker's Clarification)

इन सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने एक बड़ा बयान जारी किया है।
उन्होंने साफ कहा:यह प्रस्ताव किसी एक पार्टी का नहीं था। सदन में मौजूद सभी दलों के विधायकों ने सर्वसम्मति (Unanimously) से इसे पास किया था। उस वक्त किसी ने भी इसका विरोध नहीं किया था।"

स्पीकर का कहना है कि यह मुद्दा राजनीति का नहीं, बल्कि हमारी श्रद्धा और गुरुओं के सत्कार का है। अब बाद में इस पर 'राजनीति' करना या कन्फ्यूजन फैलाना सही नहीं है। उन्होंने रिकॉर्ड का हवाला देते हुए कहा कि सदन की कार्यवाही गवाह है कि सबने मेजें थपथपा कर इसका स्वागत किया था।

आम लोगों के लिए इसका क्या मतलब है?

स्पीकर की सफाई से एक बात तो साफ है कि पंजाब सरकार और विधानसभा इस बात को लेकर गंभीर हैं कि धार्मिक शहरों की पवित्रता बनी रहे।

  • व्यापार पर असर: लोग डर रहे थे कि कहीं अचानक दुकानें बंद न हो जाएं, लेकिन इस सफाई का मकसद यही था कि कोई 'पैनिक' न हो। यह कदम मर्यादा के लिए है, किसी को परेशान करने के लिए नहीं।
  • संदेह खत्म: जो लोग सोच रहे थे कि सरकार ने एकतरफा फैसला लिया है, स्पीकर ने साफ कर दिया कि इसमें पक्ष और विपक्ष, सबकी रजामंदी शामिल थी।

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