Punjab : आम आदमी पार्टी ने दी अपने ही मेयर को सजा, नशा तस्करों से दोस्ती के आरोप में पार्टी से निकाला
News India Live, Digital Desk : सत श्री अकाल दोस्तों! पंजाब की राजनीति में आज भूचाल आ गया है। हम सब जानते हैं कि पंजाब के लिए 'नशा' (Drugs) कितना संवेदनशील मुद्दा है। हर चुनाव में यह मुद्दा उठता है, लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) ने जो किया है, उसकी चर्चा हर गली-चौराहे पर हो रही है।
पंजाब में 'आप' की सरकार ने साफ संदेश दे दिया है कि जब बात नशा खम करने की हो, तो "अपना या पराया" नहीं देखा जाएगा। इसी नीति के तहत मोगा (Moga) के मेयर बलजीत सिंह चन्नी (Baljit Singh Channi) को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
आखिर हुआ क्या था?
दरअसल, यह पूरा मामला एक वायरल वीडियो से जुड़ा बताया जा रहा है। मोगा के मेयर बलजीत सिंह चन्नी को कथित तौर पर कुछ ऐसे लोगों के साथ देखा गया, जिन पर नशा तस्करी (Drug Smuggling) के गंभीर आरोप हैं। जब यह बात हाईकमान तक पहुंची, तो मामला गरमा गया।
आरोप यह है कि मेयर साहब का नशा तस्करों के साथ 'कनेक्शन' था या उन्हें सपोर्ट कर रहे थे। एक वीडियो या फोटो (जिसकी चर्चा है) ने उनकी मुसीबत बढ़ा दी, जिसमें वो एक आरोपी का स्वागत करते या गले मिलते दिख रहे थे।
पार्टी ने कहा- "नो कॉम्प्रोमाइज"
आम आदमी पार्टी, जो शुरू से ही "नशा मुक्त पंजाब" (Drug Free Punjab) का नारा देती आई है, उसके लिए यह एक इम्तिहान की घड़ी थी। अगर वो चुप रहते, तो जनता सवाल पूछती। इसलिए, पार्टी ने बिना देरी किए अनुशासनात्मक कार्रवाई की और मेयर को निष्कासित (Expel) कर दिया।
पार्टी के प्रवक्ताओं का कहना है कि AAP में अनुशासन ही सबसे ऊपर है। कोई कितना भी बड़ा नेता या मेयर क्यों न हो, अगर उसका नाम ड्रग माफिया के साथ जुड़ेगा, तो उसकी जगह जेल में होगी या घर पर, पार्टी में नहीं।
क्या यह एक कड़ा संदेश है?
बिल्कुल! राजनीतिक पंडित इसे भगवंत मान सरकार और केजरीवाल की 'जीरो टॉलरेंस पॉलिसी' के तौर पर देख रहे हैं। अक्सर पार्टियों पर आरोप लगते हैं कि वे अपने दागी नेताओं को बचाती हैं। लेकिन अपने ही मेयर पर गाज गिराकर AAP ने विरोधियों का भी मुंह बंद करने की कोशिश की है।
इससे पार्टी के बाकी नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी एक सख्त चेतावनी मिली है "जनता देख रही है, और पार्टी भी।" अगर कोई गलत कामों में लिप्त पाया गया, तो बख्शा नहीं जाएगा।
जनता का रिएक्शन
मोगा और आसपास के इलाकों में इस फैसले की काफी चर्चा है। कुछ लोग इसे साहसिक कदम बता रहे हैं, तो कुछ इसे राजनीति से जोड़ रहे हैं। लेकिन एक आम नागरिक के तौर पर देखें, तो अगर कोई नेता ड्रग्स जैसी बुराई को बढ़ावा देने वालों के साथ दिखेगा, तो गुस्सा आना लाजमी है।
अब देखना यह होगा कि मोगा नगर निगम में आगे क्या होता है? क्या मेयर अपनी कुर्सी बचा पाएंगे या वहां भी खेल बदल जाएगा? यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन फिलहाल 'झाड़ू' ने सफाई अभियान अपने घर से ही शुरू कर दिया है।
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