Psychology Facts : खुश रहना कोई रॉकेट साइंस नहीं है, रोज सुबह करें ये आसान काम, तनाव पास भी नहीं भटकेगा
News India Live, Digital Desk: जिंदगी हमेशा एक जैसी नहीं चलती। कभी धूप होती है, तो कभी छांव। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ापन होना, मूड खराब होना या निराशा (Depression) महसूस होना बहुत आम बात हो गई है। कई बार हमें लगता है कि, "यार, मेरे साथ ही ऐसा क्यों हो रहा है?"
लेकिन सच तो यह है कि 'नेगेटिविटी' और 'पॉजिटिविटी' हमारे देखने के नजरिए में है। आप हालात को नहीं बदल सकते, लेकिन हालात को देखने का चश्मा जरूर बदल सकते हैं। आज हम उन 5 बेहद सरल आदतों (Habits) के बारे में बात करेंगे, जिन्हें अगर आपने अपनी रूटीन में शामिल कर लिया, तो यकीन मानिए, बड़ी से बड़ी मुसीबत में भी आप मुस्कुराना सीख जाएंगे।
आइए, आसान भाषा में समझते हैं वो सीक्रेट मंत्र क्या हैं।
1. "शुक्रिया" बोलने की आदत डालें (Practice Gratitude)
हम इंसानों की फितरत होती है कि जो हमारे पास है, हम उसे नहीं देखते, और जो नहीं है, उसी के लिए रोते रहते हैं।
- उपाय: रोज रात को सोने से पहले या सुबह उठकर डायरी में वो 3 बातें लिखें जिनके लिए आप भगवान के शुक्रगुजार हैं। चाहे वो अच्छी सेहत हो, माँ के हाथ का खाना हो, या सिर पर छत।
जब आप 'कमी' की जगह 'उपलब्धि' पर फोकस करते हैं, तो दिमाग अपने आप पॉजिटिव सिग्नल देने लगता है। इसे 'ग्रेटीट्यूड जर्नी' कहते हैं।
2. अपनी संगत बदलें (Check Your Circle)
पुराने लोग सही कह गए हैं— "जैसा संग, वैसा रंग।"
अगर आपके दोस्त दिन भर बुराई करते हैं, अपनी किस्मत को कोसते हैं या गॉसिप करते रहते हैं, तो चाहकर भी आप पॉजिटिव नहीं रह सकते। उनकी नेगेटिव वाइब्स (Vibes) अनजाने में आपके अंदर समा जाती हैं।
- उपाय: ऐसे लोगों के साथ वक्त बिताना शुरू करें जो हौसला बढ़ाना जानते हों, जो हंसमुख हों और जो सॉल्यूशन की बात करते हों, न कि प्रॉब्लम्स की।
3. खुद से प्यार से बात करें (Positive Self-Talk)
दुनिया आपको क्या कहती है, उससे ज्यादा फर्क इस बात से पड़ता है कि आप 'खुद को' क्या कहते हैं।
क्या आप शीशे के सामने खड़े होकर अपनी कमियां निकालते हैं? "मैं मोटा हूँ, मैं फेल हो जाऊंगा, मुझसे नहीं होगा?"
- बदलाव: खुद के सबसे अच्छे दोस्त बनें। जब गलती हो, तो खुद को डांटने के बजाय कहें— "कोई बात नहीं, मैं इसे सुधार लूंगा।" याद रखें, जब आप खुद की इज्जत करेंगे, तभी दुनिया आपकी इज्जत करेगी।
4. डिजिटल डिटॉक्स (Digital Detox)
सुबह आँख खुलते ही हम सबसे पहले क्या करते हैं? मोबाइल चेक करते हैं।
इंस्टाग्राम और फेसबुक पर दूसरों की 'परफेक्ट' लाइफ और चमकती फोटो देखकर हमें लगता है कि हमारी जिंदगी बोरिंग है। यह तुलना (Comparison) ही दुख का सबसे बड़ा कारण है।
- नियम: सुबह के पहले 30 मिनट और रात को सोने से पहले 30 मिनट, फोन से दूर रहें। उस समय में ध्यान (Meditation) करें या प्रकृति को देखें। यह आपके मानसिक सुकून के लिए अमृत का काम करेगा।
5. शरीर को एक्टिव रखें (Move Your Body)
एक जगह बैठे रहने से नेगेटिव विचार दीमक की तरह दिमाग को खा जाते हैं। विज्ञान कहता है कि जब हम कसरत (Exercise), योग या वॉकिंग करते हैं, तो हमारे शरीर में 'हैप्पी हार्मोन्स' (Endorphins) निकलते हैं।
- क्या करें: आपको जिम जाने की जरूरत नहीं है। बस रोज 20 मिनट तेज चलें, अपना मनपसंद डांस करें या बच्चों के साथ खेलें। पसीना बहाने से न सिर्फ शरीर का ज़हर (Toxins) बाहर निकलता है, बल्कि दिमाग का तनाव भी बह जाता है।
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