Prithvi Shaw Comeback : बल्ला नहीं, तलवार चलाई है 200 के स्ट्राइक रेट से खेलकर पृथ्वी ने दी विरोधियों को चेतावनी

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News India Live, Digital Desk: क्रिकेट में कहा जाता है कि "फॉर्म इज़ टेम्प्रेरी, बट क्लास इज़ परमानेंट" (Form is temporary, Class is permanent)। यह कहावत आज उस खिलाड़ी ने सच साबित कर दी है जिसे पिछले कुछ समय से क्रिकेट के गलियारों में लगभग भूला दिया गया था। हम बात कर रहे हैं पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) की।

जी हाँ, वही पृथ्वी शॉ जिसने कभी अपने टैलेंट से सबको दीवाना बना दिया था, आज फिर सुर्ख़ियों में है। लेकिन इस बार वजह कोई विवाद नहीं, बल्कि उनकी धाकड़ बल्लेबाजी है।

मुंबई नहीं, अब महाराष्ट्र के 'बॉस' हैं शॉ
सबसे पहले तो आपको बता दें कि पृथ्वी अब मुंबई टीम से नहीं खेल रहे हैं। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (SMAT) के इस नए सीजन में वो महाराष्ट्र (Maharashtra) टीम की जर्सी में हैं और सबसे बड़ी बात—वो टीम के कप्तान हैं। और भाई साहब, कप्तानी का डेब्यू उन्होंने 'रॉयल' अंदाज में किया है।

23 गेंदों में 'तबाही'
टूर्नामेंट के अपने पहले ही मैच में बतौर कप्तान पृथ्वी शॉ ने दिखा दिया कि उनमें अभी भी वो पुराना स्पार्क बाकी है। उन्होंने सिर्फ 23 गेंदों में अर्धशतक (Fifty) ठोक डाला!

जैसे ही वो क्रीज़ पर आए, उन्होंने यह नहीं देखा कि गेंदबाज कौन है। पहली ही गेंद से अटैक शुरू। उनके शॉट्स में वो गुस्सा और वो भूख साफ़ दिख रही थी जो किसी शेर के शिकार करते वक्त दिखती है। उन्होंने मैदान के हर कोने में शॉट मारे और बता दिया कि उन्हें हल्के में लेना भारी भूल होगी।

आलोचकों को दिया करारा जवाब
पिछले कुछ महीने पृथ्वी के लिए बहुत मुश्किल रहे हैं। फिटनेस को लेकर सवाल उठे, टीम से बाहर हुए, कई बातें बनीं। लोगों ने तो यहाँ तक कह दिया था कि "इसका करियर खत्म है।" लेकिन आज की यह पारी उन तमाम आलोचकों के मुंह पर एक करारा तमाचा है।

आगे क्या होगा?
यह सिर्फ एक फिफ्टी नहीं है, यह पृथ्वी शॉ का "स्टेटमेंट" है कि वो अभी थके नहीं हैं। अभी तो टूर्नामेंट शुरू हुआ है, अगर उनका बल्ला ऐसे ही चलता रहा, तो आईपीएल (IPL) और टीम इंडिया के दरवाज़े खटखटाने में उन्हें देर नहीं लगेगी।

फैन होने के नाते यह देखकर अच्छा लगता है कि एक युवा टैलेंट हार मानने के बजाय लड़ना चुन रहा है। वेल डन पृथ्वी, अभी बहुत मैच बाकी हैं!

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