प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से बात की, यूक्रेन युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत के रुख की पुष्टि की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अगस्त 2025 को यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से टेलीफोनिक वार्ता की। इस बातचीत में दोनों ने यूक्रेन-रूस संघर्ष, द्विपक्षीय सहयोग और आगामी शांतिपूर्ण समाधान के प्रयासों पर चर्चा की। मोदी ने भारत की स्थिर और कंसिस्टेंट भूमिका दोहराई, जो संघर्ष के शीघ्र और शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यूक्रेन के प्रयासों का समर्थन करने और शांति वापस लाने में हर संभव मदद देने की प्रतिबद्धता जताई।
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने हाल की रूसी आक्रमणों की जानकारी दी, जिनमें एक भयंकर ज़ापोरिज़्ज़िया बस स्टेशन पर बमबारी भी शामिल है, जिससे कई लोग घायल हुए। उन्होंने बताया कि रूस छूट समझौते के बजाए कब्ज़ा और हिंसा बढ़ा रहा है। जेलेंस्की ने यह भी कहा कि किसी भी समाधान में यूक्रेन की भागीदारी अनिवार्य है, अन्य माध्यम से परिणाम नहीं निकलेंगे।
दोनों नेताओं ने रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों, विशेषकर रूसी ऊर्जा निर्यात पर रोक लगाने की आवश्यकता पर भी चर्चा की, ताकि युद्ध को वित्तपोषित करने की रूस की क्षमता कम हो। उन्होंने सितंबर 2025 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान व्यक्तिगत मुलाकात करने और उच्च स्तरीय दौरे बढ़ाने पर सहमति जताई।
यह वार्ता ऐसे वक्त हुई है जब अमेरिका और रूस के बीच 15 अगस्त को अलास्का में एक महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन होने जा रहा है, जहां युद्ध समाप्ति की संभावनाएं परखी जाएंगी। मोदी और जेलेंस्की दोनों ने शांति और कूटनीतिक प्रयासों पर जोर देते हुए द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में सहयोग बढ़ाने का आश्वासन दिया।
सारांश में, मोदी-जेलेंस्की की बातचीत ने भारत की मध्यस्थता की भूमिका, संघर्ष के शांतिपूर्ण अंत की प्रतिबद्धता, और यूक्रेन के पक्ष में अंतरराष्ट्रीय समर्थन बढ़ाने के प्रयासों को उजागर किया है।
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