वायुसेना और डीआरडीओ तैयार हैं
भारतीय वायु सेना को ऐसे विमानों की आवश्यकता है जिनमें जेट इंजन हों, 40,000 फीट और उससे अधिक की ऊंचाई बनाए रख सकें, नवीनतम नेविगेशन प्रणाली हो और मैक 0.7 से अधिक की क्रूज़ गति पर कम से कम आठ घंटे तक उड़ान भर सकें। साथ ही, वायु सेना की आवश्यकताओं के अनुसार, नए नेत्र विमान के रडार सिस्टम में 360-डिग्री कवरेज होना चाहिए। नेत्रानी को वायुसेना और डीआरडीओ मिलकर तैयार कर रहे हैं।
वायु सेना का नेत्र विमान एक एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (AEW&C) विमान है। इसे आकाश में भारत की आंख कहा जाता है।
– यह विमान आसमान में मौजूद दुश्मन के विमानों और अन्य उड़ने वाली वस्तुओं का पता लगा लेता है।
– यह जानकारी इकट्ठा करने के बाद यह अपने साथ उड़ान भरने वाले लड़ाकू विमानों को सूचित करता है, ताकि संभावित खतरे का मुकाबला किया जा सके।
– यह विमान, मिसाइलों, जहाजों और वाहनों को ट्रैक और लोकेट कर सकता है।
– यह विमान सीधे कमांड दे सकता है
– भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही दो नेत्र विमान हैं। अब इसके अलावा छह और नेत्र विमान बनाने की योजना है।
– इसमें स्वदेशी रूप से विकसित एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (एईएसए) रडार सिस्टम है।
– इसमें संचार समर्थन प्रमुख प्रणाली और रिकॉर्ड अवरोधन संचार है।
– इसमें विमान के अंदर एक सेल्फ-प्रोटेक्शन सूट भी होता है।
– इस विमान में हवा में ही ईंधन भरा जा सकता है
– यह एक ऐसा विमान है जो आसमान में रहकर दुश्मन की हर हरकत पर नजर रखता है।
– दुश्मन की सीमा पर किसी भी अनियमितता के बारे में सेना को सूचित करता है।
-नेत्रा एक हल्का विमान है जिसे निगरानी के लिए बनाया गया है।