झारखंड में सियासी खिचड़ी क्या सच में साथ आ रहे हैं JMM और BJP? समझिए सीटों का पूरा गणित

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News India Live, Digital Desk : राजनीति के बारे में एक कहावत बहुत मशहूर है"यहाँ न कोई पक्का दोस्त होता है और न पक्का दुश्मन, बस 'समय' और 'सत्ता' सब तय करती है।" आजकल झारखंड (Jharkhand) की हवाओं में भी कुछ ऐसा ही महसूस हो रहा है। बिहार में हुई सियासी उठापटक के बाद अब रांची के गलियारों में चर्चा है कि Jharkhand Mukti Morcha (JMM) और BJP के बीच कुछ 'पक' रहा है।

अगर आप झारखंड की राजनीति में दिलचस्पी रखते हैं, तो पिछले कुछ घंटों में उड़ी अफवाहों ने आपको भी चौंकाया जरूर होगा। क्या Hemant Soren वाकई कांग्रेस और आरजेडी का साथ छोड़कर बीजेपी (NDA) के साथ जा सकते हैं? और अगर ऐसा हुआ, तो क्या सरकार बन पाएगी?

चलिए, बिना किसी लाग-लपेट के, आसान भाषा में समझते हैं कि अगर ये दोनों पार्टियां हाथ मिला लें, तो विधानसभा का 'नंबर गेम' क्या कहता है।

कहां से उठी चिंगारी?

बात दरअसल यह है कि JMM के खेमे में इंडी गठबंधन (INDIA Alliance) को लेकर थोड़ी नाराजगी देखी जा रही है। बिहार विधानसभा चुनाव में जेएमएम को एक भी सीट न मिलना सोरेन परिवार को चुभ गया है। हाल ही में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन का अचानक दिल्ली जाना और वहां अमित शाह से मुलाकात की अफवाहों ने इस चर्चा को हवा दे दी है।

हालांकि, JMM ने आधिकारिक तौर पर कहा है "झारखंड झुकेगा नहीं", लेकिन राजनीति में 'हां' का मतलब 'ना' और 'ना' का मतलब 'हां' भी होता है!

सरकार बनाने का 'जादुई' आंकड़ा (Magic Figure)

झारखंड विधानसभा में कुल 81 सीटें हैं। यानी किसी भी पार्टी या गठबंधन को सरकार बनाने के लिए कम से कम 41 या 42 विधायकों का समर्थन चाहिए (बहुमत का आंकड़ा)।

फिलहाल राज्य में JMM, कांग्रेस, RJD और वाम दलों की मिली-जुली सरकार है, जिनके पास करीब 47 का आंकड़ा है। लेकिन अगर जेएमएम का मन डोलता है, तो नया गणित बहुत दिलचस्प हो जाएगा।

JMM + BJP = सुपरहिट बहुमत?

अब जरा कागज-कलम लेकर इस समीकरण को जोड़िए:

  • JMM के पास: करीब 30 से 34 विधायक (अगर हम पुराने और नए आंकड़ों को औसत माने तो जेएमएम के पास अपने दम पर 30 सीटें पक्की हैं)।
  • BJP के पास: करीब 25 से 26 सीटें (बाबूलाल मरांडी और अन्य के आने के बाद भाजपा का कुनबा बढ़ा है)।
  • AJSU (एनडीए सहयोगी): 3-4 सीटें।

अब सोचिए, अगर JMM (30) और BJP (25) एक साथ आ जाते हैं, तो यह जोड़ 55 के पार चला जाता है!

सरकार बनाने के लिए चाहिए सिर्फ 41, और इन दोनों के मिलते ही आंकड़ा 50+ हो जाएगा। यानी इस 'नए गठबंधन' को कांग्रेस (16 सीटें) या आरजेडी (1 सीट) की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी। यह एक बेहद मजबूत और स्थिर सरकार बन सकती है।

कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी?

अगर यह "कयास" सच हो गए, तो सबसे बड़ा झटका कांग्रेस को लगेगा। फिलहाल कांग्रेस सरकार में है, मंत्री पद भी हैं। लेकिन अगर हेमंत सोरेन ने पाला बदला, तो कांग्रेस विपक्ष में बैठी नज़र आएगी। यही वजह है कि कांग्रेस के नेता बार-बार यह बयान दे रहे हैं कि "सब कुछ ठीक है, गठबंधन मजबूत है।" लेकिन उनके चेहरों की नर्वसनेस कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

क्या सच में होगा 'खेला'?

देखिये, झारखंड की राजनीति में 'ऑपरेशन लोटस' की चर्चा नई नहीं है। चंपई सोरेन (Champai Soren) पहले ही बीजेपी में जा चुके हैं, जिससे जेएमएम पर दबाव बढ़ा है। अब यह हेमंत सोरेन पर निर्भर करता है कि वो ईडी (ED) और केंद्रीय एजेंसियों के दबाव, और अपने राजनीतिक भविष्य को कैसे संतुलित करते हैं।

पब्लिक के मन में बस एक ही सवाल है क्या हम झारखंड में एक नया अध्याय देखने वाले हैं? सीटों का गणित तो 'हां' कह रहा है, बस रजामंदी की देर है! हम नजर बनाए हुए हैं, जैसे ही कुछ होगा, सबसे पहले आपको बताएंगे।

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