Political Controversy : मोहन भागवत के बयान पर सियासी हलचल तेज निशिकांत दुबे बोले प्रधानमंत्री मोदी 2039 तक शासन करेंगे

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News India Live, Digital Desk: Political Controversy : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत द्वारा 75 वर्ष की आयु के बाद नेताओं की सेवानिवृत्ति संबंधी कथित बयान पर राजनीतिक गलियारों में अचानक हलचल तेज़ हो गई। इस बयान को लेकर अटकलों का बाज़ार गरम होता, इससे पहले ही भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर सामने आकर इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी।

दुबे का स्पष्टीकरण था कि सरसंघचालक का यह बयान सिर्फ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 'कार्यकर्ताओं' के लिए था, न कि भाजपा के राजनेताओं या देश के सरकार चलाने वाले शीर्ष नेताओं के लिए। उन्होंने जोरदार तरीके से कहा कि इस तरह की बातों को राजनीतिक नेताओं पर लागू करना पूरी तरह गलत है, क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे कई बड़े नेताओं ने अपने जीवनकाल के बाद तक देश की सेवा की है।

निशिकांत दुबे यहीं नहीं रुके। उन्होंने अपने बयान को सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जोड़ते हुए उनके नेतृत्व की जमकर सराहना की। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री मोदी केवल 24 घंटे और सातों दिन (24X7) देश की 140 करोड़ जनता के लिए समर्पित होकर काम कर रहे हैं। उन्होंने पूरे विश्वास के साथ घोषणा की कि 'सबसे युवा' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कम से कम 2039 तक देश पर शासन करना चाहिए।

दुबे ने प्रधानमंत्री मोदी को पिछले एक हज़ार सालों का 'महानतम शासक' तक करार दिया। उनका यह भी कहना था कि मोदी जी की नीतियां और उनके नेतृत्व में देश ऐसे काम कर रहा है जो भारत को निश्चित रूप से विश्व पटल पर नंबर एक स्थान पर पहुँचा देंगे। उन्होंने यह बयान देकर एक तीर से कई निशाने साधे एक तरफ संघ के बयान पर पैदा हुई भ्रांति को दूर किया, वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व के प्रति अपनी अटूट निष्ठा और आत्मविश्वास भी व्यक्त किया, जिसने विपक्षी खेमे को सोचने पर मजबूर कर दिया होगा।

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