Pitru Paksha 2025 :पितृ पक्ष 2025 शुरू, जानिए क्यों हैं ये 16 दिन इतने महत्वपूर्ण

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आज से पितृ पक्ष की शुरुआत हो गई है। यह साल के वो 16 दिन होते हैं जब हम अपने उन पूर्वजों को याद करते हैं और उनके प्रति अपना सम्मान और आभार व्यक्त करते हैं, जिनकी वजह से आज हम इस दुनिया में हैं। कई लोग इन दिनों को लेकर थोड़ा डरते हैं, लेकिन असल में यह डरने का नहीं, बल्कि अपनी जड़ों से जुड़ने और अपने बड़ों का आशीर्वाद पाने का समय है।

क्या होता है पितृ पक्ष और यह क्यों मनाया जाता है?

हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष के इन 16 दिनों के लिए हमारे पूर्वज (पितर) धरती पर अपने परिवार वालों से मिलने आते हैं। वे देखते हैं कि उनके बच्चे उन्हें याद करते हैं या नहीं।

जब हम इन दिनों में उनके नाम से श्राद्ध, तर्पण या दान-पुण्य करते हैं, तो इससे उनकी आत्मा को शांति और तृप्ति मिलती है। ऐसा माना जाता है कि खुश होकर वे अपने परिवार को सुख-समृद्धि, अच्छी सेहत और सफलता का आशीर्वाद देकर वापस लौटते हैं। यह एक तरह से अपने बड़ों को "Thank You" कहने का एक बहुत ही खूबसूरत तरीका है।

इस साल कब से कब तक है पितृ पक्ष?

इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत आज यानी (यहां उस दिन की तारीख डालें) से हो रही है और यह (यहां अमावस्या की तारीख डालें) तक चलेगा, जिसे सर्वपितृ अमावस्या कहते हैं।

क्या किया जाता है इन दिनों में?

  1. श्राद्ध और तर्पण: अपने पूर्वजों की मृत्यु की तिथि पर ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है और जल (तर्पण) अर्पित किया जाता है।
  2. पिंड दान: चावल और जौ के आटे से बने पिंड का दान किया जाता है, जो पूर्वजों को भोजन के रूप में अर्पित किया जाता है।
  3. दान-पुण्य: कौवे, गाय और कुत्ते के लिए भोजन का अंश निकाला जाता है। माना जाता है कि कौवा पितरों तक हमारा संदेश पहुंचाता है। इसके अलावा जरूरतमंदों को दान देना भी बहुत पुण्य का काम माना गया है।

किन बातों का रखें ध्यान?

पितृ पक्ष का समय किसी जश्न या उत्सव का नहीं, बल्कि संयम और स्मरण का होता है। इसलिए इन दिनों में कुछ चीजों से परहेज करने की सलाह दी जाती है, जैसे:

  • कोई नया सामान जैसे कपड़े, गाड़ी या घर नहीं खरीदना।
  • कोई नया काम या बिजनेस शुरू नहीं करना।
  • शादी-ब्याह या सगाई जैसे शुभ कार्य नहीं करना।
  • घर में सात्विक माहौल रखना।

यह समय अपने पूर्वजों के त्याग और आशीर्वाद को याद करने का है, जिनकी वजह से हमारा अस्तित्व है।

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