दिल्ली ब्लास्ट के तार कानपुर से जुड़े? 5 नामी डॉक्टर STF के रडार पर, शहर में हड़कंप

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News India Live, Digital Desk: दिल्ली में हुए सीरियल ब्लास्ट की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, इसके तार उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर से जुड़ते दिख रहे हैं। खुफिया एजेंसियों से मिले इनपुट के बाद यूपी एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) की एक टीम ने कानपुर में डेरा डाल दिया है और शहर के पांच नामी डॉक्टरों को अपने रडार पर ले लिया है। इस खबर के सामने आने के बाद से ही कानपुर के मेडिकल जगत में हड़कंप मचा हुआ है।

एसटीएफ को शक है कि ये डॉक्टर आतंकी संगठनों के स्लीपर सेल का हिस्सा हो सकते हैं और उन्होंने दिल्ली ब्लास्ट में किसी न किसी तरह से मदद की है।

क्यों शक के घेरे में आए 'सफेद कोट' वाले?

खुफिया एजेंसियों को कुछ ऐसे सबूत मिले हैं, जो दिल्ली ब्लास्ट के संदिग्धों और कानपुर के इन डॉक्टरों के बीच कनेक्शन की ओर इशारा कर रहे हैं। जांच एजेंसियों का मानना है कि ये डॉक्टर सिर्फ अपने पेशे की आड़ ले रहे थे, जबकि असल में वे आतंकी नेटवर्क को मजबूत करने में लगे थे। शक है कि इन्होंने:

  • आतंकियों को इलाज मुहैया कराया हो।
  • उनके लिए पैसों का इंतजाम किया हो।
  • या फिर शहर में स्लीपर सेल को सक्रिय करने और नए लोगों को जोड़ने में मदद की हो।

हर हरकत पर है STF की पैनी नजर

एसटीएफ की टीम पूरी तरह से गोपनीय तरीके से अपनी जांच को अंजाम दे रही है। इन पांचों डॉक्टरों की हर गतिविधि पर 24 घंटे नजर रखी जा रही है।

  • कॉल रिकॉर्ड्स: उनके मोबाइल फोन की कॉल डिटेल खंगाली जा रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि वे किन-किन लोगों से बात कर रहे थे।
  • बैंक खाते: उनके और उनके परिवार वालों के बैंक खातों की भी जांच हो रही है, ताकि किसी भी संदिग्ध लेन-देन का पता चल सके।
  • सोशल मीडिया: उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स पर भी खुफिया नजर रखी जा रही है।
  • आने-जाने वाले लोग: उनके क्लीनिक और घर पर कौन-कौन लोग आ-जा रहे हैं, इस पर भी एसटीएफ की नजर है।

सिर्फ डॉक्टर ही नहीं, कई और भी हैं रडार पर

एसटीएफ का शिकंजा सिर्फ इन पांच डॉक्टरों तक ही सीमित नहीं है। शहर के कई और लोग भी जांच के दायरे में हैं। इनमें से कुछ वो लोग भी हैं, जिनके तार प्रतिबंधित संगठन 'स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया' यानी सिमी (SIMI) से जुड़े रहे हैं। एसटीएफ कोई भी कदम उठाने से पहले पूरी तरह से पुख्ता सबूत इकट्ठा कर लेना चाहती है, ताकि पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके।

यह मामला बेहद गंभीर है और सुरक्षा एजेंसियां इसे लेकर कोई भी ढिलाई बरतने के मूड में नहीं हैं। आने वाले दिनों में इस मामले में कुछ बड़े खुलासे और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

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