संसद के मॉनसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर, पुलवामा हमले और बिहार चुनावी रोल्स विवाद मुख्य एजेंडे पर

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नई दिल्ली: भारत की संसद का मॉनसून सत्र आज (28 जुलाई 2025) फिर से शुरू हो रहा है, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर, 22 अप्रैल को पुलवामा के पास हुए आतंकी हमले की घटना और बिहार के चुनावी रोल्स में सुधार का विवाद जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे चर्चा के केंद्र में रहेंगे। पिछले सप्ताह के हंगामे के बाद, आज के दिन से सत्र की कार्यवाही के सुचारू रूप से चलने की उम्मीद है।

ऑपरेशन सिंदूर और पुलवामा हमला:
यह सत्र पुलवामा आतंकी हमले और उसके जवाब में भारत की जवाबी सैन्य कार्रवाई, ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए महत्वपूर्ण होगा। विपक्षी दलों ने इस हमले के संबंध में कथित खुफिया विफलताओं पर सवाल उठाए हैं, वहीं सरकार का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ रुख को स्पष्ट किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लोकसभा में इस पर बहस की शुरुआत करेंगे, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी शामिल हो सकते हैं। इस मामले पर दोनों सदनों में 16 घंटे की मैराथन बहस की उम्मीद है।

बिहार चुनावी रोल्स विवाद:
बिहार में चुनावी रोल्स के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर जारी विवाद भी संसद में उठाए जाने की संभावना है। विपक्षी दल आरोप लगा रहे हैं कि इस प्रक्रिया से बड़ी संख्या में योग्य नागरिक दस्तावेजों की कमी के कारण मतदाता सूची से बाहर हो सकते हैं, जिससे वे मतदान से वंचित रह सकते हैं। उनका तर्क है कि इसका लाभ भाजपा को मिलेगा। दूसरी ओर, चुनाव आयोग ने कहा है कि यह प्रक्रिया मतदाताओं की सूची को साफ करने के लिए आवश्यक है और इसमें पारदर्शिता बरती जा रही है। इस मुद्दे को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में भी याचिका दायर की गई है।

अन्य प्रमुख एजेंडा:
इन मुख्य मुद्दों के अलावा, संसद सत्र के दौरान नए कर कानून, खेल, और शिपिंग से संबंधित कई नए विधेयक पेश किए जाने की उम्मीद है। हाल ही में हुए एयर इंडिया विमान क्रैश की प्रारंभिक रिपोर्ट भी चर्चा का हिस्सा हो सकती है।

यह मॉनसून सत्र राष्ट्रहित से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा और कानून बनाने के लिए एक अहम मंच साबित होगा।

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