Online Harassment : ऑनलाइन ट्रोलिंग से परेशान हैं अपनी डिजिटल सुरक्षा के लिए जानें ये ज़रूरी बातें

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News India Live, Digital Desk: Online Harassment :  आज के डिजिटल युग में, सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म हमारी ज़िंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुके हैं। हम एक-दूसरे से जुड़ने, जानकारी साझा करने और राय व्यक्त करने के लिए इनका इस्तेमाल करते हैं। हालाँकि, इन प्लेटफार्मों का एक स्याह पहलू भी है 'ऑनलाइन ट्रोलिंग' और साइबरबुलिंग। अक्सर, कुछ लोग गुमनामी की आड़ में दूसरों को निशाना बनाते हैं, अपमानजनक टिप्पणियाँ करते हैं या जानबूझकर किसी को परेशान करते हैं, जिससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा नकारात्मक असर पड़ता है।

यह समझना ज़रूरी है कि ट्रोलिंग अक्सर ईर्ष्या, बोरियत या अपनी भड़ास निकालने की प्रवृत्ति से उपजा एक अस्वास्थ्यकर व्यवहार होता है। इसका मकसद आमतौर पर आपकी प्रतिक्रिया उकसाना या आपको नीचा दिखाना होता है। ऐसे में, ट्रोलिंग का सामना करने का सबसे पहला और प्रभावी तरीका है 'कोई प्रतिक्रिया न देना'। जी हाँ, ऐसे लोगों को नज़रअंदाज़ करना सबसे बड़ा हथियार है। जब आप ट्रोलर्स की टिप्पणियों पर कोई ध्यान नहीं देते या उन्हें जवाब नहीं देते, तो वे अपना लक्ष्य प्राप्त करने में विफल हो जाते हैं और धीरे-धीरे दूर हो जाते हैं, क्योंकि उन्हें कोई 'शो' नहीं मिल रहा होता।

अगर आप किसी ट्रोल या आपत्तिजनक सामग्री को लगातार देख रहे हैं, तो तुरंत उस व्यक्ति को ब्लॉक या म्यूट कर दें। ब्लॉक करने से आप उनकी सामग्री नहीं देख पाएंगे और वे भी आपकी प्रोफाइल नहीं देख पाएंगे। म्यूट करने से उनकी पोस्ट आपकी फीड से हट जाएंगी, लेकिन उन्हें पता नहीं चलेगा कि आपने उन्हें म्यूट किया है। यह आपकी मानसिक शांति बनाए रखने के लिए एक ज़रूरी कदम है।

केवल इग्नोर करना ही काफी नहीं। हर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अपमानजनक या हानिकारक सामग्री की रिपोर्ट करने का विकल्प होता है। अगर आपको लगता है कि कोई आपको लगातार परेशान कर रहा है, तो उसके कमेंट्स या पोस्ट का स्क्रीनशॉट ले लें। यह एक सबूत के तौर पर काम आ सकता है। फिर, इस सबूत के साथ प्लेटफॉर्म के सपोर्ट टीम को रिपोर्ट करें। अधिकतर प्लेटफॉर्म ऐसे व्यवहार के खिलाफ कड़े नियम रखते हैं और ऐसे अकाउंट्स पर कार्रवाई करते हैं। गंभीर मामलों में, यह जानकारी कानूनी मदद में भी उपयोगी हो सकती है।

इसके अलावा, सबसे महत्वपूर्ण बात है कि इन टिप्पणियों को व्यक्तिगत रूप से न लें। याद रखें, यह अक्सर आपकी कीमत को कम करने के लिए होता है, न कि आपकी वास्तविक पहचान या गुणों के बारे में। आप क्या करते हैं, इससे कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है कि आप अपने बारे में क्या सोचते हैं। खुद को मजबूत बनाएं और ऐसी नकारात्मकता को अपनी आंतरिक शांति भंग करने न दें।

डिजिटल सुरक्षा के तौर पर, अपनी गोपनीयता सेटिंग्स (Privacy Settings) को हमेशा नियंत्रित रखें। अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे पता, फ़ोन नंबर या अत्यधिक निजी तस्वीरें ऑनलाइन साझा करने से बचें। सार्वजनिक प्लेटफॉर्म पर कुछ भी पोस्ट करते समय सोच-समझकर करें, क्योंकि एक बार ऑनलाइन जाने पर, वह हमेशा के लिए वहाँ रह सकता है। अपनी प्रोफाइल को 'प्राइवेट' रखने से आप तय कर सकते हैं कि कौन आपकी सामग्री देख सकता है।

अंत में, यह समझना बहुत ज़रूरी है कि आपका मानसिक स्वास्थ्य सर्वोच्च है। यदि ऑनलाइन ट्रोलिंग से आप अत्यधिक परेशान या तनावग्रस्त महसूस कर रहे हैं, तो अपने दोस्तों, परिवार या किसी पेशेवर से बात करने में संकोच न करें। सहायता लेना कोई कमजोरी नहीं, बल्कि अपनी देखभाल का एक सशक्त कदम है। एक सुरक्षित और सकारात्मक डिजिटल अनुभव तभी संभव है जब आप अपनी सीमाओं और सुरक्षा को गंभीरता से लें।

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