एलपीजी के दामों के खेल पर सरकारी एक्शन! 30,000 करोड़ की भारी-भरकम सब्सिडी से तेल कंपनियों को मिलेगी राहत, उज्ज्वला लाभार्थियों की भी हुई बल्ले-बल्ले
देश में रसोई गैस (LPG) के उपभोक्ताओं को इस बार सरकार की ओर से बड़ी खुशखबरी मिली है। बढ़ती अंतरराष्ट्रीय कीमतों के बीच आम आदमी को महंगाई से बचाने के लिए तेल विपणन कंपनियों (OMCs) को जो भारी नुकसान उठाना पड़ रहा था, उसकी भरपाई के लिए केंद्र सरकार ने एक क्रांतिकारी कदम उठाया है। कैबिनेट ने शुक्रवार को 30,000 करोड़ रुपये के एलपीजी सब्सिडी पैकेज को मंजूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य सरकारी तेल कंपनियों , इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOCL), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (BPCL), और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) – को हुए घाटे की भरपाई करना है।
तेल कंपनियों को बड़ी राहत: 30,000 करोड़ का सहारा!
दरअसल, वैश्विक स्तर पर एलपीजी की कीमतों में आई अप्रत्याशित उछाल के कारण, ओएमसी घरेलू एलपीजी सिलेंडर को लागत से कम दामों पर बेच रही थीं। सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए किया ताकि आम जनता, खासकर मध्य वर्ग और गरीब परिवारों को एलपीजी की बढ़ती कीमतों से सीधा झटका न लगे। हालाँकि, इससे तेल कंपनियों पर वित्तीय बोझ काफी बढ़ गया, उन्हें 2024-25 के वित्तीय वर्ष में लगभग 41,338 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ, जिसमें अकेले इंडियन ऑयल को 19,000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, केंद्र सरकार ने शुक्रवार को इन कंपनियों को 30,000 करोड़ रुपये की राजकोषीय सहायता देने का फैसला किया है।
कैसे मिलेगा पैसा? 12 किश्तों में मिलेगी सब्सिडी!
यह महत्वपूर्ण मुआवजा पैकेज तेल विपणन कंपनियों को 12 किस्तों में दिया जाएगा। सरकारी बयान के अनुसार, पहली किश्त सितंबर-अक्टूबर 2025 तक मिलने की उम्मीद है। इस वित्तीय सहायता से ओएमसी कच्चे तेल और एलपीजी की खरीद, ऋण का भुगतान और पूंजीगत व्यय जैसी अपनी महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा कर पाएंगी, जिससे देश भर में एलपीजी की आपूर्ति निर्बाध रूप से जारी रह सकेगी।यह कदम न केवल कंपनियों की वित्तीय सेहत को मजबूत करेगा, बल्कि उपभोक्ताओं को भी ग्लोबल एनर्जी मार्केट के उतार-चढ़ाव से बचाएगा।
'सब्सिडी' पर भी बड़ा फैसला: उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को भी मिलेगी बड़ी राहत!
केवल तेल कंपनियों को ही नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के लाभार्थियों के लिए भी सरकार ने एक बड़ी घोषणा की है। केंद्रीय कैबिनेट ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए पीएमयूवाई लाभार्थियों को प्रति सिलेंडर 300 रुपये की सब्सिडी जारी रखने को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत, 14.2 किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर पर प्रति वर्ष 9 रिफिल तक यह सब्सिडी मिलेगी। सरकार इसके लिए 12,060 करोड़ रुपये का आवंटन करेगी।
क्यों कम किए सिलेंडर? 12 से 9 रिफिल का गणित
एक अहम जानकारी यह भी है कि पीएम उज्ज्वला योजना के तहत सब्सिडी वाले सिलेंडरों की संख्या को 12 से घटाकर 9 कर दिया गया है। हालांकि, यह समझना महत्वपूर्ण है कि यह सब्सिडी की राशि कम नहीं हुई है; लाभार्थियों को अभी भी प्रति सिलेंडर 300 रुपये की सब्सिडी मिलती रहेगी। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकार की सहायता जरूरतमंदों तक सुचारू रूप से पहुंचे और सब्सिडी का व्यवस्थित वितरण हो सके।
बढ़ी हुई एलपीजी खपत, उज्ज्वला योजना का कमाल!
सरकार के आंकड़े बताते हैं कि पीएम उज्ज्वला योजना से जुड़े परिवारों में एलपीजी की खपत में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2019-20 में जहां औसतन प्रति व्यक्ति 3 रिफिल होती थी, वहीं 2024-25 में यह बढ़कर लगभग 4.47 रिफिल हो गई है। यह दर्शाता है कि उज्ज्वला योजना ने लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है और स्वच्छ कुकिंग फ्यूल को बढ़ावा दिया है।
सरकार का दोहरा लाभ: उपभोक्ताओं को सुरक्षा, कंपनियों को सहारा!
कुल मिलाकर, ये निर्णय आम आदमी को बड़ी राहत देने वाले हैं। एक ओर जहां ओएमसी को उनके घाटे की भरपाई हो रही है, जिससे वे बिना रुकावट के एलपीजी की आपूर्ति जारी रख सकेंगी, वहीं दूसरी ओर उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को पहले की तरह 300 रुपये की सब्सिडी का लाभ मिलता रहेगा। यह सरकार की 'सबका साथ, सबका विकास' की सोच का प्रतीक है, जहाँ आर्थिक स्थिरता और जन-कल्याण दोनों का ध्यान रखा जा रहा है।
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