Oats: स्वास्थ्य के लिए अमृत या ज़हर किन लोगों को भूलकर भी नहीं खाने चाहिए ये सुपरफूड
News India Live, Digital Desk: सुबह के नाश्ते में ओट्स खाना आजकल काफी ट्रेंडी और हेल्दी माना जाता है। इसे प्रोटीन, फाइबर और कई पोषक तत्वों से भरपूर एक 'सुपरफूड' की तरह देखा जाता है, जो वजन कम करने से लेकर पेट को दुरुस्त रखने तक के कई फायदे पहुंचाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह हर किसी के लिए फायदेमंद नहीं होता? कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके लिए ओट्स का सेवन फायदे से ज्यादा नुकसानदायक साबित हो सकता है।
सबसे पहले बात करते हैं उन लोगों की जिन्हें सीलिएक रोग या ग्लूटेन सेंसिटिविटी की समस्या है। हालांकि, ओट्स में खुद से ग्लूटेन नहीं होता, लेकिन इसमें एक प्रोटीन 'एवनिन' (avenin) मौजूद होता है, जो कुछ ग्लूटेन संवेदनशील लोगों में वैसे ही रिएक्शन कर सकता है जैसा ग्लूटेन करता है। इसके अलावा, आजकल बाज़ार में उपलब्ध ओट्स अक्सर ऐसे ही वातावरण में संसाधित (processed) किए जाते हैं जहाँ गेहूँ, जौ और राई जैसे ग्लूटेन-युक्त अनाज भी बनते हैं। इस क्रॉस-कंटैमिनेशन की वजह से भी संवेदनशील व्यक्तियों को ओट्स से समस्या हो सकती है। अगर आप सीलिएक रोग से पीड़ित हैं तो सुनिश्चित करें कि आप 'ग्लूटेन-फ्री सर्टिफाइड' ओट्स ही चुनें, वरना इससे आपकी आँतों को नुकसान पहुँच सकता है।
दूसरी बात उन लोगों के लिए है जिन्हें पाचन संबंधी समस्याएँ जैसे कब्ज, पेट फूलना, गैस या इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) रहती है। ओट्स में फाइबर की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है। जबकि फाइबर आम तौर पर पेट के लिए अच्छा होता है, ज़्यादा मात्रा में या अचानक से इसकी मात्रा बढ़ाने से संवदेनशील पाचन तंत्र वाले लोगों को पेट में दर्द, ऐंठन और गैस की शिकायत हो सकती है। अगर आपको पहले से ही आंतों से जुड़ी कोई परेशानी है, तो ओट्स को धीरे-धीरे अपनी डाइट में शामिल करें और अपने शरीर के संकेतों पर ध्यान दें। यदि इसे खाने के बाद असहजता महसूस हो तो डॉक्टर या डाइटिशियन से सलाह ज़रूर लें।
इसके अलावा, ओट्स बनाने के तरीके पर भी ध्यान देना ज़रूरी है। इंस्टेंट ओट्स में अक्सर अधिक चीनी और प्रिजर्वेटिव्स हो सकते हैं, जिससे उनका पोषण मूल्य कम हो जाता है। बेहतर होगा कि आप सादे रोल्ड ओट्स या स्टील-कट ओट्स का चुनाव करें और उन्हें घर पर ही हेल्दी तरीके से तैयार करें। कुल मिलाकर, जहाँ ओट्स कई लोगों के लिए एक शानदार नाश्ता हो सकता है, वहीं कुछ लोगों को इसे सावधानी से चुनना या इससे पूरी तरह बचना भी पड़ सकता है। अपने शरीर की ज़रूरतों और संकेतों को समझना हमेशा महत्वपूर्ण होता है।.
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