सहरसा/मधेपुरा,12 मार्च (हि.स.)।बीएनएमयू केंद्रीय पुस्तकालय में संयुक्त छात्र संगठन द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन की जांच कमेटी और जांच रिपोर्ट को लेकर प्रेस वार्ता रखी। एनएसयूआई के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक मनीष कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय के नए कुलपति के आने के बाद जांच कमेटी और जांच रिपोर्ट के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार और लूट-खसोट किया गया।
पुरानी सभी कमेटी की लंबित जांच रिपोर्ट को दरकिनार करके सिर्फ और विश्वविद्यालय के दो कनीय पदाधिकारी कॉलेज इंस्पेक्टर साइंस और कॉलेज इंस्पेक्टर कॉमर्स एवं आर्ट्स द्वारा लीपापोती कर गलत तरीके से राजभवन को गुमराह किया गया।उन्होंने कहा कि आरएम कॉलेज सहरसा के बीएड स्पॉट नामांकन एवं बीएड विभागाध्यक्ष की नियुक्ति की जांच के लिए बनी कमेटी की रिपोर्ट में गड़बड़ी हुई है।
एसएनएस महिला कॉलेज सुपौल के पूर्व प्राचार्य निखलिश कुमार सिंह ने कहा कि रिपोर्ट के मामले की जांच कर कार्रवाई करने का दर्जन भर से अधिक पत्र राज्यपाल तथा उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक द्वारा बीएनएमयू के कुलपति एवं कुलसचिव को मिला।उक्त पत्र के आलोक में बीएनएमयू के कुलसचिव पांच सदस्यीय जांच कमेटी बनाई, जिसमें विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर, सीसीसीडी, वित्त पदाधिकारी तथा कॉलेज इंस्पेक्टर सदस्य बनाए गए थे। जांच कमेटी ने 2 अगस्त 2023 को जांच प्रतिवेदन समर्पित किया. उस जांच प्रतिवेदन को 5 महीने तक विवि के द्वारा दबा के रखा गया।फिर 20 फरवरी 2024 को 5 वरीय अधिकारियों वाले जांच कमेटी के जांच प्रतिवेदन को छुपा कर कनीय अधिकारी का दो सदस्यीय कमेटी द्वारा तैयार जांच प्रतिवेदन कुलाधिपति सचिवालय को भेज दी गई।
छात्र नेता अरमान अली एवं छात्र नेत्री मौसम प्रिया ने कहा कि पूर्व के दिनों में छात्र हितों की एक भी मामले पर विश्वविद्यालय ने गंभीरता पूर्वक नहीं लिया है।विवि के नए कैंपस एवं पुराने कैंपस में पीने के लिए पानी तक की व्यवस्था नहीं है।विवि द्वारा स्थापित UMIS की भी हाल बेहाल है।छात्रों का आर्थिक और मानसिक दोहन किया जा रहा है।सुविधा के बदले परेशानी मिल रही है।