अब कुत्ते के काटने पर देना होगा 5 लाख का मुआवजा? जानिए क्या है यह नया नियम और आपको कैसे मिलेगा पैसा
आजकल गली-मोहल्लों में आवारा कुत्तों का आतंक इतना बढ़ गया है कि लोग सुबह की सैर पर जाने या बच्चों को बाहर खेलने भेजने से भी डरने लगे हैं। लगभग हर रोज़ देश के किसी न किसी कोने से कुत्ते के काटने की खबरें आती रहती हैं। ज़्यादातर लोग इसे अपनी किस्मत मानकर और कुछ हजार रुपये इलाज पर खर्च करके चुप बैठ जाते हैं।
लेकिन अब चुप बैठने का ज़माना गया! अगर आपको या आपके किसी जानने वाले को कोई आवारा कुत्ता काट ले, तो इलाज का खर्चा तो छोड़िए, आपको लाखों रुपये का मुआवज़ा भी मिल सकता है। जी हाँ, आपने बिल्कुल सही सुना।
यह कोई मज़ाक नहीं है, बल्कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का एक बहुत बड़ा और ऐतिहासिक फैसला है, जो पूरे देश के लिए एक मिसाल बन गया है।
क्या है यह पूरा मामला और कोर्ट ने क्यों दिया यह आदेश?
हाल ही में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह साफ कर दिया कि अगर कोई आवारा कुत्ता किसी व्यक्ति को काटता है, तो इसकी पूरी ज़िम्मेदारी उस इलाके की स्थानीय प्रशासन (जैसे नगर निगम या पंचायत) की होगी।
कोर्ट का मानना है कि नागरिकों को आवारा कुत्तों से सुरक्षित रखना प्रशासन का कर्तव्य है। अगर प्रशासन अपना यह कर्तव्य निभाने में नाकाम रहता है, जैसे कुत्तों की नसबंदी न करना या उन्हें शेल्टर होम में न रखना, तो उसे पीड़ित को मुआवज़ा देना ही होगा।
कितना मिलेगा मुआवज़ा?
कोर्ट ने मुआवज़े की रकम भी तय कर दी है:
- कुत्ते के काटने से मौत होने पर: पीड़ित के परिवार को 5 लाख रुपये का मुआवज़ा।
- गंभीर चोट लगने पर (मांस निकल जाना): कम से कम 2 लाख रुपये का मुआवज़ा।
- हल्की चोट लगने पर: 1 लाख रुपये तक का मुआवज़ा।
सबसे बड़ा सवाल: यह मुआवज़ा आपको मिलेगा कैसे?
यह सबसे ज़रूरी हिस्सा है। अगर दुर्भाग्य से आपके साथ ऐसी कोई घटना होती है तो मुआवज़ा पाने के लिए आपको कुछ कदम उठाने होंगे:
- सबसे पहले इलाज कराएं: यह सबसे ज़रूरी है। तुरंत किसी सरकारी अस्पताल जाएं और अपना इलाज शुरू करवाएं। डॉक्टर की रिपोर्ट और एंटी-रेबीज वैक्सीन (anti-rabies vaccine) के सारे पर्चे संभालकर रखें।
- सारे सबूत इकट्ठा करें: इलाज के पर्चे, मेडिकल बिल, अपनी चोट की तस्वीरें, और अगर संभव हो तो घटना की एक FIR कॉपी भी ज़रूर रखें। आपके पास जितने मज़बूत सबूत होंगे, आपका केस उतना ही मज़बूत होगा।
- कहाँ करें शिकायत?: आपको मुआवज़े के लिए अपने इलाके के म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (नगर निगम) या डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर (DC) ऑफिस में एक लिखित शिकायत दर्ज़ करानी होगी। अपनी शिकायत के साथ सारे सबूतों की कॉपी लगाएं।
- दबाव बनाएं: कई बार हो सकता है कि अधिकारी आपकी बात को टालने की कोशिश करें। ऐसे में आपको थोड़ी भाग-दौड़ करनी पड़ सकती है। लेकिन याद रखें, कोर्ट का आदेश आपके साथ है।
क्या यह नियम पूरे भारत में लागू है?
देखिए, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का यह फैसला फिलहाल पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में तो सीधे-सीधे लागू होता है। लेकिन यह फैसला देश की बाकी अदालतों और प्रशासन के लिए एक बहुत बड़ी मिसाल (precedent) बन गया है।
इसका मतलब है कि अगर आप किसी और राज्य में रहते हैं, तो भी आप इस फैसले का हवाला देकर अपने नगर निगम पर मुआवज़ा देने के लिए दबाव बना सकते हैं। कई राज्यों में पहले से ही कुत्ते के काटने पर मुआवज़ा देने का कानून है, बस रकम अलग हो सकती है।
यह फैसला सिर्फ मुआवज़े के बारे में नहीं है, यह प्रशासन को उनकी ज़िम्मेदारी याद दिलाने और आवारा कुत्तों की समस्या का स्थायी हल निकालने के लिए एक बहुत बड़ा कदम है। अपने इस हक को जानें और इसे दूसरों तक भी पहुंचाएं।
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