Nitish Kumar Returns : टाइगर अभी जिन्दा है विधायक दल के नेता चुने गए नीतीश, 10वीं बार शपथ लेकर बनाएंगे वर्ल्ड रिकॉर्ड?

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News India Live, Digital Desk: बिहार की राजनीति के बारे में एक कहावत मशहूर है—"यहाँ सब कुछ बदल सकता है, लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा चेहरा नहीं।" एक बार फिर यह बात सच साबित होने जा रही है। पटना में चल रही सियासी हलचल के बीच बड़ी खबर सामने आ गई है। जनता दल यूनाइटेड (JDU) के विधायकों ने एक बार फिर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को अपना नेता चुन लिया है।

जी हाँ, आप गिनती मत भूलिएगा ,यह 10वीं बार होगा जब नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। और अगर एनडीए (NDA) गठबंधन की बात करें, तो उनके साथ यह उनकी 8वीं पारी होगी।

बंद कमरे में क्या हुआ?
पटना में मुख्यमंत्री आवास (1 अणे मार्ग) पर जेडीयू विधायक दल की एक बेहद अहम बैठक हुई। माहौल में थोड़ा सस्पेंस तो था, लेकिन जैसे ही बैठक शुरू हुई, विधायकों ने मेज थपथपाकर एक ही नाम का प्रस्ताव रखा नीतीश कुमार। किसी ने कोई विरोध नहीं किया, और 'सर्वसम्मति' से उन्हें विधायक दल का नेता चुन लिया गया।

रिकॉर्ड तोड़ने की आदत
भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि कोई नेता 10 बार सीएम पद की शपथ ले। नीतीश बाबू ने साबित कर दिया है कि चाहे हवा किसी की भी हो, बिहार की राजनीति की धुरी वही हैं। उनके समर्थकों में आज गजब का उत्साह है। वे इसे बिहार में स्थिरता की जीत बता रहे हैं, जबकि विरोधी इसे 'कुर्सी-प्रेम' कह रहे हैं। लेकिन राजनीति में जो जीतता है, वही सिकंदर होता है।

एनडीए के साथ नई शुरुआत
हालांकि पिछले कुछ सालों में हमने कई गठबंधन बदलते देखे, लेकिन इस बार बीजेपी और जेडीयू का तालमेल पटरी पर नजर आ रहा है। 2025 के आखिर में होने वाली इस शपथ को राजनीतिक पंडित बिहार के भविष्य के लिए बहुत अहम मान रहे हैं। चर्चा है कि इस नई सरकार में जातीय समीकरणों (Caste Equations) को साधने के लिए बीजेपी कोटे से भी दमदार डिप्टी सीएम बनाए जा सकते हैं।

शपथ ग्रहण की भव्य तैयारी
पटना के सियासी गलियारों में अब शपथ ग्रहण समारोह (Oath Taking Ceremony) की चर्चा तेज हो गई है। क्या यह गांधी मैदान में होगा या राजभवन में? और कौन-कौन से नए चेहरे मंत्री बनेंगे? इन सवालों ने ठंड के मौसम में भी पटना का सियासी पारा चढ़ा दिया है।

कुल मिलाकर, बिहार को उसका 'कैप्टन' मिल गया है। अब देखना यह होगा कि अपनी 10वीं पारी में नीतीश कुमार बिहार की जनता के सपनों को कितना पूरा कर पाते हैं।

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