सरकार ने यूनियन बजट 2024 में इनकम टैक्स की नई रीजीम को और आकर्षक बनाने की दिशा में कई पहल की। इसका मकसद अधिक से अधिक टैक्सपेयर्स को नई रीजीम अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना था। उम्मीद है कि यूनियन बजट 2025 में इस नई रीजीम को और आकर्षक बनाने के लिए कुछ बड़े ऐलान किए जा सकते हैं। वर्तमान में, टैक्सपेयर्स को पुरानी और नई टैक्स रीजीम में से किसी एक को चुनने का विकल्प मिलता है। ऐसे में यह समझना बेहद जरूरी है कि दोनों रीजीम्स में क्या फर्क है और किसके फायदे-नुकसान हैं।
नई टैक्स रीजीम: 2020 में हुई शुरुआत
सरकार ने बजट 2020 में नई टैक्स रीजीम की घोषणा की। इसकी सबसे बड़ी विशेषता कम टैक्स दरें थीं, लेकिन इसके साथ शर्त यह थी कि टैक्सपेयर्स डिडक्शन और छूट का लाभ नहीं उठा सकते।
नई रीजीम का उद्देश्य
- इसे उन टैक्सपेयर्स के लिए पेश किया गया था, जो आमतौर पर डिडक्शन क्लेम नहीं करते।
- इसका उद्देश्य टैक्सपेयर्स के लिए सरल और सीधा टैक्स सिस्टम पेश करना था।
नई रीजीम के फायदे
- कम टैक्स दरें।
- सरलता और पारदर्शिता।
- डिडक्शन और छूट के झंझट से बचाव।
पुरानी टैक्स रीजीम: छूट और डिडक्शन का लाभ
डिडक्शन के फायदे
पुरानी रीजीम में टैक्सपेयर्स को विभिन्न प्रकार के डिडक्शन और छूट का लाभ मिलता है।
- सेक्शन 80C:
इसमें टैक्सपेयर्स पीपीएफ, ईएलएसएस, लाइफ इंश्योरेंस जैसे निवेशों पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। - सेक्शन 80D:
हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर छूट। - अन्य डिडक्शन, जैसे होम लोन पर ब्याज, एजुकेशन लोन, और दान पर टैक्स छूट।
पुरानी रीजीम के नुकसान
- टैक्स की दरें नई रीजीम की तुलना में अधिक।
- छूट और डिडक्शन का दावा करने के लिए कागजी कार्रवाई की जरूरत।
नई टैक्स रीजीम: टैक्स स्लैब्स
नई रीजीम में टैक्स दरें इस प्रकार हैं:
आय सीमा | टैक्स दर (%) |
---|---|
0 – 3 लाख | कोई टैक्स नहीं |
3 – 7 लाख | 5% |
7 – 10 लाख | 10% |
10 – 12 लाख | 15% |
12 – 15 लाख | 20% |
15 लाख से अधिक | 30% |
विशेषताएं
- 3 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स छूट।
- 7 लाख रुपये तक की आय पर नई रीजीम के तहत रिबेट की सुविधा, जिससे इस सीमा तक कोई टैक्स नहीं देना पड़ता।
- स्लैब्स का विस्तार, जिससे 15 लाख रुपये तक की आय पर कम टैक्स दर लागू होती है।
पुरानी टैक्स रीजीम: टैक्स स्लैब्स
पुरानी रीजीम में टैक्स दरें इस प्रकार हैं:
आय सीमा | टैक्स दर (%) |
---|---|
0 – 2.5 लाख | कोई टैक्स नहीं |
2.5 – 5 लाख | 5% |
5 – 10 लाख | 20% |
10 लाख से अधिक | 30% |
विशेषताएं
- 2.5 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स-फ्री।
- छूट और डिडक्शन का लाभ मिलने के बावजूद उच्च आय वर्ग के लिए पुरानी रीजीम में टैक्स का भार अधिक है।
नई रीजीम बनाम पुरानी रीजीम: तुलना
विशेषता | नई टैक्स रीजीम | पुरानी टैक्स रीजीम |
---|---|---|
टैक्स दरें | कम | अधिक |
डिडक्शन का लाभ | नहीं | हां |
सरलता | अधिक | कम |
टैक्स फ्री आय सीमा | 3 लाख रुपये | 2.5 लाख रुपये |
स्लैब्स की संख्या | अधिक | कम |
क्या बदलाव संभव हैं यूनियन बजट 2025 में?
1. डिडक्शन और छूट के विकल्प:
सरकार नई रीजीम को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए इसमें कुछ डिडक्शन या छूट जोड़ सकती है।
2. आय सीमा का विस्तार:
नई रीजीम में टैक्स-फ्री आय सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 लाख रुपये किया जा सकता है।
3. स्लैब्स में बदलाव:
नई रीजीम में 20% और 30% टैक्स स्लैब्स के लिए आय सीमा बढ़ाई जा सकती है।
4. पुरानी रीजीम को समाप्त करने पर विचार:
सरकार नई रीजीम को प्रमोट करने के लिए भविष्य में पुरानी रीजीम को बंद कर सकती है।