वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने मध्यम वर्ग के लिए आयकर में बड़ी राहत के साथ-साथ कई नियमों में बदलाव की घोषणा की। अब ये नियम इसके वित्तीय वर्ष की शुरुआत यानी 1 अप्रैल 2025 से लागू हो रहे हैं। इस परिवर्तन में कर कटौती (टीडीएस) और स्रोत पर कर संग्रहण (टीसीएस) के नए नियम भी शामिल हैं।
वरिष्ठ नागरिकों और मकान मालिकों को मिलेगी बड़ी राहत
केंद्र सरकार ने बजट में घोषणा की कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीडीएस कटौती को दोगुना कर दिया गया है। पहले यह 50 हजार रुपये था, जो अब बढ़कर 1 लाख रुपये हो गया है। इससे अब उन्हें बड़ी राहत मिलेगी। इसके साथ ही मकान मालिकों को भी बड़ी राहत मिली है। महत्वपूर्ण बात यह है कि किराये की आय पर टीडीएस कटौती की सीमा प्रति वित्तीय वर्ष 10,000 रुपये है। 2.4 लाख से बढ़ाकर रु. प्रति वित्तीय वर्ष 6 लाख रु.
विदेशी लेनदेन पर टीसीएस की सीमा बढ़ा दी गई है
इसके अलावा, विदेश से लेनदेन करने वाले लोगों के लिए आरबीआई की उदारीकृत विप्रेषण योजना के तहत टीसीएस कटौती की सीमा भी बढ़ा दी गई है। इससे पहले, रु. पहले 7 लाख रुपए के लेनदेन पर टीसीएस काटा जाता था, जिसे बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया गया। 10 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।
शिक्षा ऋण पर टीडीएस हटाया गया
विशिष्ट वित्तीय संस्थाओं से शिक्षा ऋण पर टीसीएस कटौती हटा दी गई है। इससे पहले, 7 लाख रुपये से अधिक के शिक्षा ऋण पर 0.5% टीसीएस काटा जाता था, जबकि 7 लाख रुपये से अधिक के शैक्षिक लेनदेन पर 5% टीसीएस काटा जाता था।
यह म्यूचुअल फंड से लाभांश और आय की सीमा है।
लाभांश आय पर टीडीएस की सीमा 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दी गई है। वहीं म्यूचुअल फंड यूनिटों से प्राप्त आय पर टीडीएस की सीमा भी 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति वित्तीय वर्ष कर दी गई है। इसके अलावा टीडीएस भी बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति पुरस्कार कर दिया गया है।
एलपीजी की कीमत
तेल कंपनियां हर महीने की पहली तारीख को एलपीजी की कीमतों की समीक्षा करती हैं, इसलिए हो सकता है कि 1 अप्रैल की सुबह-सुबह आपको सिलेंडर की कीमतों में बदलाव देखने को मिले।
एटीएफ और सीएनजी-पीएनजी दरें
हर महीने की पहली तारीख को तेल कंपनियां एयर टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) और सीएनजी-पीएनजी की कीमतों में भी मामूली बदलाव करती हैं।