मेरठ की सड़कों का नया सफ़र: अब बेंगलुरु को भी देगा टक्कर

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कैसा लगेगा जब आप मेरठ की सड़कों पर निकलें और आपको बेंगलुरु जैसी चौड़ी और साफ़-सुथरी सड़कों का अहसास हो? जी हाँ, ये कोई मज़ाक नहीं, बल्कि सच होने जा रहा है। मेरठ में अब सड़कों की कायापलट का काम शुरू हो गया है और अगले 15 महीनों में अपने शहर का नज़ारा कुछ और ही होगा।

शहर के दिल में बदलाव की लहर

रैपिड-मेट्रो का काम तो शहर में पहले से ही रफ़्तार पकड़े हुए है, लेकिन अब शहर की अंदरूनी सड़कों को भी चमकाने की तैयारी हो गई है। सीएम ग्रिड योजना के तहत, बच्चा पार्क से कमिश्नरी चौराहे और कमिश्नरी आवास चौराहे से सर्किट हाउस तक की सड़कों को बिल्कुल नए अंदाज़ में बनाया जा रहा है। सोचिए, जब ये सड़कें बन कर तैयार होंगी तो हमारा सफ़र कितना आरामदायक और खुशनुमा हो जाएगा।

क्या खास है इन नई सड़कों में?

ये सड़कें सिर्फ डामर और कंक्रीट से नहीं बन रहीं, बल्कि इन्हें भविष्य को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है।

  • नहीं दिखेंगे लटकते तार: सबसे अच्छी बात यह है कि बिजली के तार हों या केबल लाइन, सब कुछ ज़मीन के अंदर होगा। इससे न सिर्फ सड़कें सुंदर दिखेंगी बल्कि सुरक्षित भी रहेंगी।
  • बारिश में नहीं भरेगा पानी: सड़कों के नीचे पानी की निकासी के लिए भूमिगत नाले बनाए जा रहे हैं, जिससे हल्की बारिश में भी जलभराव की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
  • पैदल चलने वालों का भी ख्याल: सड़क के दोनों ओर खूबसूरत फुटपाथ भी बनाए जाएंगे, ताकि आप आराम से टहल सकें।
  • पार्किंग की नहीं होगी टेंशन: गाड़ी कहाँ पार्क करें, ये सोचना नहीं पड़ेगा। बीच-बीच में पार्किंग के लिए भी जगह तय की जाएगी।

बड़ा प्रोजेक्ट, बड़ी तैयारी

इस पूरे काम पर लगभग 47 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। यह कोई छोटा-मोटा काम नहीं है, बल्कि शहर को एक नई पहचान देने की कोशिश है। और तो और, जो कंपनियां इन सड़कों को बना रही हैं, वे अगले पांच सालों तक इनके रखरखाव की ज़िम्मेदारी भी लेंगी।

तो चलिए, हम सब मिलकर अपने शहर के इस नए बदलाव का स्वागत करें। अब वो दिन दूर नहीं, जब हम गर्व से कहेंगे, “ये है अपना नया मेरठ!”

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