New expressways India 2025: जबरदस्त सफर, तेज़ कनेक्टिविटी, और गज़ब के विकास की रफ्तार

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New expressways India 2025: क्या आपने कभी सोचा है कि अब दिल्ली-मुंबई या बेंगलुरु-चेन्नई जैसे बड़े शहरों के बीच का सफर आधा हो सकता है? अगर सफर को आसान, तेज़ और शानदार बनाना है, तो 2025 में बन रहे नए हाईवे और एक्सप्रेसवे पर नजर डालना जरूरी है। जानिए – कौन से मेगा प्रोजेक्ट इस साल खुलने जा रहे हैं, उनकी खासियतें क्या हैं, और आपका सफर कैसे बदलेगा!

2025 में कौन-कौन से मेगा एक्सप्रेसवे और हाईवे खुल रहे हैं?

1. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे

लंबाई: 1,386 किमी (देश का सबसे लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे)

फीचर: यात्रा समय 50% तक कम, दिल्ली से JNPT मुंबई तक सड़क की दूरी 180 किमी कम होगी।

स्टेटस: 82% से ज्यादा काम पूरा, अक्टूबर 2025 तक फुल लॉन्च।

राज्य: दिल्ली, यूपी, हरियाणा, राजस्थान, एमपी, गुजरात, महाराष्ट्र

2. बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे

लंबाई: 260 किमी

फीचर: बेंगलुरु से चेन्नई का सफर 6 घंटे से घटकर सिर्फ 3 घंटे।

स्टेटस: अगस्त 2025 तक ओपनिंग, पहले ही 71 किमी फ्री ट्रैवल के लिए चालू है।

राज्य: कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु

3. कानपुर-लखनऊ (अवध) एक्सप्रेसवे

लंबाई: 63 किमी, 8-लेन

फीचर: कानपुर-लखनऊ के बीच सफर सिर्फ 35-45 मिनट में।

4. दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे

लंबाई: 212 किमी

फीचर: दिल्ली से देहरादून का सफर 6.5 घंटे से घटकर सिर्फ 2.5 घंटे।

ओपनिंग: जनवरी 2025

5. गंगा एक्सप्रेसवे

लंबाई: 594 किमी (मेरठ से प्रयागराज)

फीचर: पूरा होने पर ये देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बन जाएगा, टाइमलाइन: 2025-26।

6. अन्य प्रमुख हाईवे और खबरें

1,240 नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट्स देशभर में 29,400+ किमी तैयार हो रहे हैं – इनमें से कई 2025 में फेज़ वाइज़ पूरे हो जाएंगे।

10,000 किमी नई हाईवे का लक्ष्य FY 2025-26 में, जिसमें 5,800 किमी खास एक्सेस- कंट्रोल्ड हाइवे/एक्सप्रेसवे शामिल हैं।

एनएचएआई के 124 प्रोजेक्ट्स इस साल 3.4 लाख करोड़ की लागत से बिड के लिए तैयार।

कई कोरिडोर जैसे पटना-अरrah-सासाराम (बिहार), जेएनपीटी पोर्ट-चौक (महाराष्ट्र) समेत कई ग्रीनफील्ड हाईवे को कैबिनेट से अप्रूवल मिल चुका है।

इन हाईवे-एक्सप्रेसवे से आपको क्या मिलेगा?

यात्रा का समय लगभग आधा हो जाएगा – बिजनेस, फैमिली, टूरिज्म के लिए गेमचेंजर।

ईंधन की बचत – ट्रैफिक, ब्रेकिंग, रुकावटें कम।

इनफ्रास्ट्रक्चर से बूम – टोल, पेट्रोल पंप, आरामगाहें, लॉजिस्टिक्स हब.

इंडस्ट्री और जॉब्स – नए ट्रांसपोर्ट रूट्स से हजारों-लाखों युवाओं को रोजगार और बिज़नस का अवसर।

हर राज्य के लिए खास प्रोजेक्ट – यूपी, बिहार, महाराष्ट्र, टमिलनाडु, राजस्थान में नए हाईवे/एक्सप्रेसवे का सबसे ज्यादा असर।

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