New demand from Yogi government: मेरठ के इस्लामाबाद का नाम बदलकर प्राचीन पहचान दिलाने की अपील
- by Archana
- 2025-08-16 14:05:00
News India Live, Digital Desk: New demand from Yogi government: उत्तर प्रदेश विधान परिषद में भाजपा एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज ने मेरठ के इस्लामाबाद क्षेत्र का नाम बदलने की मांग की है. शून्य काल के दौरान यह मांग उठाते हुए उन्होंने तर्क दिया कि यह क्षेत्र वास्तव में एक प्राचीन हिंदू धार्मिक स्थल 'हस्तिनापुर' का हिस्सा था, और इसका 'इस्लामाबाद' नाम गलत जानकारी या राजनीतिक दबाव के तहत मुगल काल के दौरान रखा गया था.
भारद्वाज ने अपने दिए ज्ञापन में जोर दिया कि भारत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 'आत्मनिर्भर भारत' और 'विश्वगुरु' बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, ऐसे में प्राचीन सांस्कृतिक मूल्यों और स्थलों के सम्मान की बात की जा रही है. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश में विभिन्न शहरों के नाम बदलने के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य में पूर्व में अनेक स्थानों के नाम जो जबरदस्ती बदले गए थे, उन्हें अब पुनर्स्थापित किया जा रहा है.
भाजपा एमएलसी ने डॉ. काशी प्रसाद सिंह के साल 2017 के अध्ययन का हवाला दिया. इस अध्ययन में कहा गया था कि मुगल शासकों द्वारा अपनी शक्ति के दुरुपयोग के माध्यम से अनेक प्रमुख भारतीय स्थलों का नाम बदला गया, जिनमें काशी और इलाहाबाद (जो अब प्रयागराज है) शामिल थे. भारद्वाज ने इसी बात पर जोर देते हुए बताया कि अलीगढ़ (हरिगढ़), मैनपुरी (मायापुर), और आजमगढ़ (आर्यनगढ़) जैसे स्थानों के भी प्राचीन हिंदू नाम थे.
उन्होंने विधान परिषद में बताया कि मेरठ का इस्लामाबाद क्षेत्र के निवासी इस नाम के कारण खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं और उनके अंदर उत्पीड़न की भावना है. इसलिए उन्होंने इस बात पर बल दिया कि इस क्षेत्र का नाम बदलकर उसकी प्राचीन गौरवमयी पहचान को वापस लाना अत्यंत आवश्यक है. भारद्वाज ने अपनी मांग में एक आयोग गठित करने की भी वकालत की. यह आयोग ऐसे सभी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों की पहचान करेगा, जिनके नाम औपनिवेशिक या बाहरी शासकों द्वारा जबरदस्ती बदल दिए गए थे, और उनके मूल नामों को पुनर्स्थापित करने की सिफारिश करेगा.
--Advertisement--
Tags:
Share:
--Advertisement--