अजमेर बना टापू, सड़कों पर चलीं नावें! देवदूत बनकर पहुंची NDRF की टीम

Post

जिस राजस्थान को हम अक्सर सूखे और कम पानी के लिए जानते हैं, आज वहाँ के ऐतिहासिक शहर अजमेर का मंज़र कुछ और ही है। पिछले कुछ घंटों से हो रही मूसलाधार बारिश ने शहर को पूरी तरह से जलमग्न कर दिया है। सड़कें अब सड़कें नहीं रहीं, वे दरिया बन चुकी हैं, और लोगों के घर टापू में तब्दील हो गए हैं।

शहर में बाढ़ के हालात इतने बिगड़ गए कि कई परिवार अपने ही घरों में कैद होकर रह गए। चारों तरफ पानी और बीच में फंसी ज़िंदगियां... मंज़र बेहद खौफनाक था। निचली बस्तियों का हाल तो और भी बुरा था, जहाँ पानी घरों के अंदर घुस गया और लोगों को अपनी जान बचाने के लिए छतों पर शरण लेनी पड़ी।

जब सारी उम्मीदें टूटीं, तब पहुंचे फरिश्ते

जब स्थानीय प्रशासन की कोशिशें नाकाफी लगने लगीं और लोगों की उम्मीदें टूटने लगीं, तब देवदूत बनकर पहुंची NDRF (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम। नारंगी वर्दी में सजे ये जवान अपनी नावों और बचाव उपकरणों के साथ शहर की जलमग्न गलियों में उतरे और एक-एक घर तक पहुँचने लगे।

उन्होंने सबसे पहले उन घरों को निशाना बनाया, जहाँ बच्चे, महिलाएँ और बुजुर्ग फँसे हुए थे। NDRF के जवानों ने अपनी जान की परवाह किए बिना, लोगों को सुरक्षित बाहर निकालकर राहत शिविरों तक पहुँचाया। कई इलाकों से ऐसी तस्वीरें सामने आईं, जहाँ जवान छोटे-छोटे बच्चों को गोद में उठाकर और बुजुर्गों को सहारा देकर नावों पर बिठा रहे थे।

क्यों बिगड़े ऐसे हालात?

लगातार हो रही भारी बारिश के कारण अजमेर की प्रसिद्ध आनासागर झील का जलस्तर भी खतरे के निशान को छू रहा है, जिससे आसपास के इलाकों में खतरा और बढ़ गया है। शहर का ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से फेल हो गया, जिसके कारण पानी की निकासी नहीं हो पाई और पूरा शहर एक तालाब में बदल गया।

फिलहाल, NDRF और स्थानीय प्रशासन की टीमें लगातार बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुँचाया जा रहा है और खाने-पीने का इंतज़ाम किया जा रहा है। अब सबकी निगाहें आसमान पर टिकी हैं, कि इंद्र देव थोड़ा रहम करें और अजमेर के लोगों को इस आफत से राहत मिले।

--Advertisement--