मुजफ्फरपुर में NDA की सुनामी, 11 में से 10 सीटों पर किया कब्जा, RJD का सूपड़ा साफ

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News India Live, Digital Desk: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने मुजफ्फरपुर जिले में एनडीए गठबंधन को एक ऐतिहासिक जीत दिलाई है। जिले की कुल 11 विधानसभा सीटों में से 10 पर एनडीए (बीजेपी-जेडीयू-वीआईपी) के उम्मीदवारों ने अपना परचम लहराया है। यह परिणाम तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन के लिए एक बहुत बड़े झटके की तरह है, जिसका जिले में लगभग सूपड़ा ही साफ हो गया है।

बीजेपी ने यहां सबसे ज्यादा 6 सीटों पर जीत हासिल की है, वहीं जेडीयू को 3 और एनडीए की सहयोगी वीआईपी (VIP) को 1 सीट पर सफलता मिली है। महागठबंधन की तरफ से सिर्फ कांग्रेस ही एक सीट पर अपनी लाज बचाने में कामयाब रही।

मुजफ्फरपुर की 11 सीटों का पूरा ब्यौरा: कौन बना आपका विधायक?

  1. मुजफ्फरपुर (शहर): यह VIP सीट बीजेपी के खाते में गई है। यहां से विजेंद्र चौधरी ने कांग्रेस के विजेंद्र चौधरी को हराकर शानदार जीत दर्ज की है।
  2. कुढ़नी: बीजेपी ने इस सीट पर भी कब्जा किया है। केदार प्रसाद गुप्ता यहां से विधायक चुने गए हैं।
  3. औराई: यहां से बीजेपी के रामसूरत राय ने जीत हासिल की है।
  4. मीनापुर: इस सीट पर भी बीजेपी का कमल खिला है। राजीव कुमार ने यहां से जीत दर्ज की है।
  5. बरुराज: बीजेपी के अरुण कुमार सिंह ने यहां से जीत हासिल की है।
  6. पारू: यह सीट भी बीजेपी के खाते में गई है। अशोक कुमार सिंह यहां से विधायक बने हैं।
  7. कांटी: जेडीयू ने इस सीट पर जीत दर्ज की है। मोहम्मद जमाल यहां से विधायक चुने गए हैं।
  8. सकरा (SC): यह सुरक्षित सीट जेडीयू के खाते में गई है, जहां से अशोक कुमार चौधरी ने जीत हासिल की है।
  9. गायघाट: यहां से जेडीयू के महेश्वर प्रसाद यादव ने जीत दर्ज की है।
  10. बोचहां (SC): यह सुरक्षित सीट एनडीए की सहयोगी पार्टी वीआईपी के खाते में गई है। यहां से मुसाफिर पासवान ने जीत हासिल की है।
  11. साहेबगंज: महागठबंधन की तरफ से यह एकमात्र सीट है जो कांग्रेस के खाते में गई है। यहां से अनिल कुमार ने जीत दर्ज की है।

क्या रहे जीत के मायने?

मुजफ्फरपुर जिले के इन नतीजों ने साफ कर दिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जोड़ी पर लोगों का विश्वास अटूट है। बीजेपी का 6 सीटों पर जीतना यह दिखाता है कि पार्टी ने जिले में अपनी पकड़ को काफी मजबूत कर लिया है। वहीं, आरजेडी का एक भी सीट न जीत पाना तेजस्वी यादव के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है। इन नतीजों ने साबित कर दिया है कि मुजफ्फरपुर की जनता ने इस बार जातिगत समीकरणों से ऊपर उठकर विकास और सुशासन के मुद्दे पर वोट किया है।

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