मौलाना के खिलाफ सपोर्ट में आए NDA सांसद, डिंपल ने जानिए दिया क्या जवाब?
यह मामला हाल ही में संसद में तब चर्चा में आया जब ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन (AIIA) के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने समाजवादी पार्टी (SP) की सांसद डिंपल यादव के खिलाफ आपत्तिजनक और अभद्र टिप्पणी की थी। इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी, खासकर NDA सांसदों के बीच।
क्या था पूरा मामला?
मौलाना साजिद रशीदी ने एक टीवी डिबेट के दौरान डिंपल यादव की एक मस्जिद यात्रा के संदर्भ में उनकी वेशभूषा और व्यवहार पर सवाल उठाए थे। उन्होंने डिंपल यादव की तुलना दूसरी SP सांसद इकरा हसन से की, जिन्होंने मस्जिद में सिर ढका हुआ था। रशीदी का आरोप था कि डिंपल यादव ने मस्जिद के नियमों का पालन नहीं किया, जिससे इस्लामिक मान्यताओं का उल्लंघन हुआ। उनकी टिप्पणी को अभद्र, सांप्रदायिक और महिला विरोधी बताया गया।
NDA सांसदों का स्टैंड:
इस घटना के बाद, NDA के सांसदों ने संसद परिसर में इस मुद्दे को उठाया और मौलाना साजिद रशीदी की टिप्पणियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। वे "नारी शक्ति का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान" जैसे नारे लगा रहे थे। भाजपा की सांसद बांसुरी स्वराज और जद(यू) की सांसद लवली आनंद सहित कई NDA महिला सांसदों ने इस टिप्पणी को "शर्मनाक, आपत्तिजनक और अस्वीकार्य" बताया। उन्होंने समाजवादी पार्टी और खासकर अखिलेश यादव से इस मुद्दे पर अपनी पत्नी के समर्थन में आवाज उठाने की मांग की, और आरोप लगाया कि 'वोट बैंक की राजनीति' के कारण वे चुप्पी साधे हुए हैं। NDA सांसदों ने इसे महिला गरिमा पर हमला करार दिया।
डिंपल यादव का जवाब:
जब NDA सांसदों ने मौलाना की टिप्पणियों के विरोध में आवाज़ उठाई, तब डिंपल यादव ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यदि NDA वाले मणिपुर हिंसा जैसी घटनाओं के दौरान महिलाओं के साथ हुए दुर्व्यवहार पर इसी तरह एकजुटता दिखाते, तो यह ज़्यादा सार्थक होता। उन्होंने यह भी कहा कि मौलाना के खिलाफ FIR दर्ज होना अच्छी बात है, लेकिन उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से BJP पर कटाक्ष किया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसी घटनाओं के बाद भी उनके नेताओं ने भारतीय सेना की महिला अधिकारियों के खिलाफ अनुचित बयान दिए थे, और उस वक्त NDA ने उनका समर्थन नहीं किया था।
संक्षेप में, NDA सांसदों ने मौलाना की डिंपल यादव के खिलाफ अभद्र टिप्पणी का विरोध करते हुए महिला गरिमा के सम्मान की बात की। वहीं, डिंपल यादव ने इस विरोध की सार्थकता पर सवाल उठाते हुए NDA को मणिपुर और ऑपरेशन सिंदूर जैसे मुद्दों पर महिलाओं के साथ एकजुटता दिखाने की याद दिलाई।
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