Mythical Gem : श्रीकृष्ण और स्यमंतक मणि की अमर कथा

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Newsindia live,Digital Desk: Mythical Gem : भगवान श्री कृष्ण और स्यमंतक मणि की कथा एक बहुत प्रसिद्ध पौराणिक गाथा है स्यमंतक मणि को भगवान सूर्यदेव ने सत्राजित नाम के एक व्यक्ति को प्रदान किया था यह मणि प्रतिदिन बहुत सारा सोना उत्पन्न करती थी जिससे सत्राजित अत्यधिक धनवान हो गया था इस अद्भुत मणि की जानकारी भगवान श्री कृष्ण को हुई उन्होंने सत्राजित से यह मणि धर्म कार्य के लिए देने का निवेदन किया परंतु सत्राजित ने उन्हें मणि देने से साफ इंकार कर दिया

एक दिन सत्राजित का भाई प्रसेन वह मणि पहनकर शिकार करने के लिए जंगल की ओर चला गया दुर्भाग्य से एक सिंह ने उसे मार डाला और मणि लेकर भाग गया उस सिंह को महान पराक्रमी जामवंत ने मार डाला और वह मूल्यवान मणि अपनी गुफा में ले गया जब प्रसेन वापस नहीं लौटा तो सत्राजित ने बिना सोचे समझे श्री कृष्ण पर मणि चुराने का और प्रसेन की मृत्यु का आरोप लगा दिया श्री कृष्ण को सत्राजित के इस आरोप से बहुत दुःख हुआ और वे सच्चाई का पता लगाने के लिए प्रसेन तथा मणि को खोजने के लिए निकल पड़े

श्री कृष्ण ने प्रसेन के और फिर सिंह के पैरों के निशान देखे वे उन पदचिन्हों का पीछा करते हुए सीधे जामवंत की गुफा तक जा पहुँचे वहाँ पहुँचने पर श्री कृष्ण और जामवंत के बीच अट्ठाईस दिनों तक भयंकर युद्ध चलता रहा अंत में जामवंत पूरी तरह से थक गए और उन्होंने श्री कृष्ण में अपने प्रभु भगवान राम को पहचान लिया उन्हें तुरंत यह आभास हो गया कि श्री कृष्ण कोई और नहीं बल्कि उनके प्राचीन स्वामी हैं यह जानकर जामवंत ने श्री कृष्ण को स्यमंतक मणि वापस लौटा दी और अपनी पुत्री जामवती का विवाह भी उनसे कर दिया

श्री कृष्ण वह मणि लेकर द्वारका लौटे और उन्होंने सत्राजित को दे दी अपनी गलती का एहसास होने पर सत्राजित को बहुत शर्मिंदगी हुई उसे अपनी भूल पर गहरा पश्चाताप हुआ अपनी इस त्रुटि के प्रायश्चित के रूप में उसने श्री कृष्ण से अपनी पुत्री सत्यभामा का विवाह कराने की इच्छा व्यक्त की साथ ही उसने स्यमंतक मणि भी उन्हें अर्पित की श्री कृष्ण ने सत्यभामा को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया परंतु स्यमंतक मणि उन्होंने नहीं ली उन्होंने उस मणि को द्वारका के सूर्यदेव के मंदिर में सुरक्षित रखवा दिया यह कथा लालच के विनाशकारी परिणामों और सत्य की हमेशा विजय होने के महत्वपूर्ण संदेश को सिखाती है यह दर्शाती है कि झूठ कभी नहीं छिपता और अंततः सच्चाई की ही जीत होती है

 

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