Municipal Corporation : यूपी पंचायत चुनाव से पहले आगरा नगर निगम का हो रहा बड़ा विस्तार
News India Live, Digital Desk: Municipal Corporation : आगरा शहर में रहने वालों और उसके आस-पास के ग्रामीण इलाकों के निवासियों के लिए एक बड़ी और महत्वपूर्ण खबर है। आगामी उत्तर प्रदेश पंचायत चुनावों से ठीक पहले, आगरा नगर निगम का भौगोलिक दायरा बढ़ने जा रहा है। इसका सीधा सा मतलब है कि शहर की सीमा अब और अधिक दूर तक फैलेगी, जिसमें कई पड़ोसी गांव भी शामिल हो जाएंगे। यह निर्णय सिर्फ प्रशासनिक नहीं, बल्कि आर्थिक और विकास की दृष्टि से भी बहुत मायने रखता है।
दरअसल, नगर निगम प्रशासन ने इस संबंध में राज्य सरकार को एक विस्तृत प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव में उन तमाम गांवों को निगम सीमा में शामिल करने की बात कही गई है जो वर्तमान में आगरा के विकसित हो रहे बाहरी क्षेत्रों, विशेषकर नव-निर्मित बाहरी रिंग रोड के करीब हैं या विकास प्राधिकरण (एडीए) के अधिकार क्षेत्र में आ रहे हैं। इनमें बैनपुर, मडुआ, बिचपुरी, बरारा, जगन्नाथपुरी, बसई, दसौनी, बरौली, बिचोला जैसे नाम प्रमुख हैं। ये गांव अब तक पंचायत प्रणाली के अंतर्गत थे, लेकिन अब इन्हें पूरी तरह से शहरी नागरिक सुविधाओं वाले क्षेत्रों में बदला जाएगा।
इस विस्तार के पीछे नगर निगम का मुख्य उद्देश्य शहरों में लगातार हो रहे अनियोजित विकास और शहरीकरण से राजस्व के नुकसान को रोकना है। जब ग्रामीण क्षेत्रों का विकास होता है, तो वहां व्यवसाय और आवासीय बस्तियां पनपती हैं, लेकिन उनसे होने वाली टैक्स की कमाई पंचायतों को मिलती है। नगर निगम चाहता है कि शहरी ढांचे में आ रहे ये क्षेत्र उनकी सीधी निगरानी में आएं, ताकि इन इलाकों से प्रॉपर्टी टैक्स, हाउस टैक्स, पानी और सीवरेज टैक्स जैसी आमदनी सीधे नगर निगम को मिल सके। इस कदम से निगम की आय में वृद्धि होगी, जिसका उपयोग बेहतर शहरी सुविधाओं को प्रदान करने में किया जा सकेगा।
जहाँ एक ओर नगर निगम को राजस्व में फायदा होगा, वहीं इन गांवों के निवासियों पर सीधा असर पड़ेगा। उन्हें अब पंचायत स्तर के मुक़ाबले अधिक शहरी कर चुकाने होंगे। लेकिन इसके साथ ही, उन्हें उन्नत नागरिक सुविधाएं भी मिलेंगी, जिनकी गांव में अक्सर कमी रहती है। कल्पना कीजिए, अब इन क्षेत्रों में व्यवस्थित सड़कें होंगी, बेहतर पानी की आपूर्ति होगी, जल निकासी और सीवरेज सिस्टम सुधरेगा, नियमित साफ-सफाई होगी, और स्ट्रीटलाइट्स व सुरक्षा के इंतज़ाम भी अधिक मुकम्मल होंगे।
यह भी महत्वपूर्ण है कि यह कोई पहली बार नहीं है जब आगरा नगर निगम के विस्तार की बात चल रही है। इससे पहले भी 2014, 2016 और 2017 में इस तरह के प्रस्ताव पर चर्चा हुई थी, लेकिन बात किसी नतीजे तक नहीं पहुंच पाई थी। इस बार उच्च स्तरीय बातचीत के बाद, ऐसा प्रतीत होता है कि यह विस्तार आखिरकार मूर्त रूप ले सकता है। आगामी पंचायत चुनावों से पहले इन क्षेत्रों को निगम में शामिल करना इसलिए भी ज़रूरी है, क्योंकि एक बार पंचायत चुनाव हो गए तो इन इलाकों को जोड़ना कानूनी तौर पर अधिक जटिल हो जाएगा। इस कदम से आगरा एक बड़े और विकसित शहर के रूप में उभरेगा, जहाँ विकास का लाभ ग्रामीण क्षेत्रों तक भी पहुंचेगा।
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