मुहम्मद यूनुस ने भारत के राज्यों को बताया बांग्लादेश का हिस्सा? जानिए इस वायरल दावे की सच्चाई

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News India Live, Digital Desk : सोशल मीडिया और कुछ समाचार वेबसाइटों पर एक चौंकाने वाला दावा वायरल हो रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि बांग्लादेश के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और ग्रामीण बैंक के संस्थापक प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने पाकिस्तान के सामने यह बयान दिया है कि भारत के कुछ राज्य बांग्लादेश का हिस्सा हैं। इस दावे के सामने आते ही सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई और लोग इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं देने लगे।

लेकिन क्या इस दावे में कोई सच्चाई है? क्या वाकई प्रोफेसर यूनुस ने इतना बड़ा और विवादास्पद बयान दिया है? आइए जानते हैं इस खबर की पूरी सच्चाई।

वायरल दावे में क्या कहा जा रहा है?

वायरल हो रही खबरों में दावा किया जा रहा है कि मुहम्मद यूनुस ने कथित तौर पर कहा कि भारत के पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, त्रिपुरा और मेघालय जैसे राज्य ऐतिहासिक रूप से बांग्लादेश का हिस्सा थे। यह भी कहा जा रहा है कि उन्होंने यह बयान पाकिस्तान की यात्रा के दौरान दिया, जिसने इस दावे को और भी संवेदनशील बना दिया।

क्या है इस दावे की हकीकत?

तथ्यों की पड़ताल करने पर यह दावा पूरी तरह से निराधार और गलत पाया गया है।

  1. कोई विश्वसनीय स्रोत नहीं: किसी भी प्रतिष्ठित राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी, अखबार या टीवी चैनल ने ऐसी कोई खबर प्रकाशित नहीं की है। अगर नोबेल पुरस्कार विजेता जैसी अंतरराष्ट्रीय ख्याति की कोई हस्ती इतना बड़ा और विवादित बयान देती, खासकर भारत और पाकिस्तान के संदर्भ में, तो यह दुनियाभर में एक बड़ी खबर होती।
  2. आधिकारिक पुष्टि नहीं: न तो मुहम्मद यूनुस की तरफ से, न ही उनकी किसी संस्था की तरफ से और न ही बांग्लादेश या भारत सरकार की ओर से ऐसे किसी बयान की कोई पुष्टि की गई है।
  3. अफवाहों का जाल: इस तरह की खबरें अक्सर सोशल मीडिया पर सनसनी फैलाने और दो देशों के बीच तनाव पैदा करने के मकसद से फैलाई जाती हैं। मुहम्मद यूनुस, जो अपने आर्थिक और सामाजिक कार्यों के लिए जाने जाते हैं, का इस तरह की राजनीतिक बयानबाजी में शामिल होना उनके व्यक्तित्व के विपरीत है।

यह स्पष्ट है कि मुहम्मद यूनुस के नाम से फैलाया जा रहा यह दावा फेक न्यूज या गलत सूचना का एक उदाहरण है। अक्सर ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर गलत जानकारी फैलाकर लोगों की भावनाओं को भड़काने की कोशिश की जाती है।

हमारी सलाह: किसी भी सनसनीखेज खबर पर भरोसा करने से पहले, उसकी सत्यता की जांच प्रतिष्ठित और विश्वसनीय समाचार स्रोतों से जरूर कर लेनी चाहिए। सोशल मीडिया पर दिखने वाली हर खबर सच नहीं होती।

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