दिवाली पर होती है मां काली की आराधना, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि और महत्व
News India Live, Digital Desk: सनातन परंपरा में देवी मां के दस महाविद्या स्वरूपों में से एक, मां काली की पूजा को ऊर्जा, शक्ति और आत्मविश्वास का वरदान देने वाला माना गया है. वैसे तो मां काली की पूजा कई मौकों पर होती है, लेकिन कार्तिक मास की अमावस्या, यानी दिवाली की रात, को उनकी पूजा का विशेष महत्व है. इस पर्व को देश के कई राज्यों, विशेषकर पश्चिम बंगाल, असम और ओडिशा में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है.
इस दिन भक्त आधी रात के शुभ मुहूर्त में पूरे विधि-विधान से मां काली की आराधना करते हैं और उनसे शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. तो आइए जानते हैं आज यानी 20 अक्टूबर, सोमवार को काली पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है और किस विधि से भक्त माता की पूजा कर सकते हैं.
काली पूजा 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त
दिवाली की कार्तिक अमावस्या की रात को 'महानिशा' भी कहा जाता है, जो तांत्रिक सिद्धियों और शक्ति की उपासना के लिए सबसे उत्तम मानी जाती है.
- पूजा की तिथि: 20 अक्टूबर 2025, सोमवार
- काली पूजा निशिता काल मुहूर्त: रात 11:40 बजे से देर रात 12:31 बजे तक.
- पूजा की अवधि: लगभग 51 मिनट.
यही वह समय है जब मां काली की पूजा सबसे अधिक फलदायी होती है.
पूजा की सरल और संपूर्ण विधि (Puja Vidhi)
घर पर मां काली का आशीर्वाद पाने के लिए आप इस सरल विधि से पूजा कर सकते हैं:
- शुद्धता: पूजा के शुभ मुहूर्त से पहले स्नान कर लें. इस पूजा में लाल या काले रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है.
- पूजा स्थल की तैयारी: घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर मां काली की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें.
- दीपक और आवाहन: मां की तस्वीर के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं और श्रद्धापूर्वक उनका आवाहन करें.
- पूजन करें: मां को रोली, कुमकुम, अक्षत, सिंदूर और विशेष रूप से लाल गुड़हल का फूल अर्पित करें, क्योंकि यह फूल उन्हें अत्यंत प्रिय है.
- मंत्र जाप: पूरी एकाग्रता के साथ मां काली के मंत्र "ॐ क्रीं कालिकायै नमः" का कम से-कम 108 बार जाप करें.
- भोग और आरती: पूजा के अंत में मां को खीर, हलवा या मौसमी फलों का भोग लगाएं. फिर कपूर और धूप से उनकी आरती करें और अपने जीवन से सभी संकटों और नकारात्मक शक्तियों को दूर करने की प्रार्थना करें.
माना जाता है कि दिवाली की रात जो भी भक्त सच्चे मन से मां काली की आराधना करता है, मां उसकी हर मनोकामना पूरी करती हैं और उसे हर तरह के भय और शत्रु से मुक्त कर देती हैं.
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