Monsoon 2025 : राजस्थान में टूटा 106 साल का रिकॉर्ड, मानसून ने मचाई ऐसी तबाही आधे से ज्यादा बांध हुए लबालब
News India Live, Digital Desk: इस साल मानसून राजस्थान पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान नज़र आ रहा है। जून, जुलाई और अगस्त, तीनों ही महीनों में बादल ऐसे गरजे और बरसे कि 125 साल का रिकॉर्ड ही टूट गया।अब तक प्रदेश में कुल 624.4 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 43 फीसदी ज़्यादा है।हालत ये है कि कई ज़िलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं और जो नदियां सालों से सूखी पड़ी थीं, उनमें भी पानी बहने लगा है।
पानी-पानी हुआ राजस्थान, 125 साल में सातवीं बार ऐसी बारिश
सोचिए, 125 सालों के इतिहास में यह केवल सातवीं बार है जब राजस्थान में इतनी ज़बरदस्त बारिश देखने को मिली है। इस बार की बारिश ने पुराने सभी अनुमानों को पीछे छोड़ दिया है। इसका सबसे बड़ा असर ये हुआ है कि प्रदेश के छोटे-बड़े 693 बांधों में से 51 फीसदी से ज़्यादा बांध या तो पूरी तरह भर चुके हैं या ओवरफ्लो हो रहे हैं। कई इलाकों, खासकर बूंदी, कोटा, सवाई माधोपुर और टोंक जैसे जिलों में भारी बारिश के चलते बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई।
खासकर अगस्त के महीने में पश्चिमी और दक्षिण-पूर्वी जिलों में जमकर पानी बरसा। हनुमानगढ़, चूरू, नागौर, श्रीगंगानगर और जयपुर समेत कई ज़िलों में औसत से कहीं ज़्यादा बरसात हुई। हालांकि अगस्त के शुरुआती तीन हफ्ते मानसून थोड़ा सुस्त था, लेकिन 20 अगस्त के बाद इसने ऐसी रफ़्तार पकड़ी कि अब तक थमने का नाम नहीं ले रहा है।
आगे क्या होगा? मौसम विभाग ने दी जानकारी
मौसम विभाग का कहना है कि ये सिलसिला अभी रुकने वाला नहीं है। बंगाल की खाड़ी में बन रहे नए सिस्टम की वजह से मानसून को और ताक़त मिल रही है, जिससे नमी वाली हवाएं लगातार राजस्थान की ओर आ रही हैं। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, सितंबर के महीने में भी सामान्य से ज़्यादा बारिश होने की उम्मीद है, खासकर पूर्वी राजस्थान के इलाकों में इसका ज़्यादा असर देखने को मिल सकता है।
कई ज़िलों में भारी बारिश के चलते आम जनजीवन भी प्रभावित हुआ है। अजमेर, जोधपुर, और भीलवाड़ा जैसे शहरों में सड़कों पर पानी भरने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन ने भी एहतियात बरतते हुए कुछ जगहों पर स्कूलों में छुट्टियां घोषित कर दी हैं।
जहां एक तरफ इस बारिश से गर्मी से राहत मिली है और बांधों में पानी आया है, वहीं दूसरी तरफ किसानों की चिंता बढ़ गई है। लगातार हो रही बारिश से बाजरा और मूंग जैसी फसलों को नुकसान पहुँचने का डर है। कुल मिलाकर, इस बार के मानसून ने राजस्थान का मौसम और लोगों का जीवन, दोनों ही बदल कर रख दिया है।
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