UP Politics : बरेली में नहीं घुस पाए माता प्रसाद पांडे, गुस्से में लाल होकर प्रशासन को सुनाई जमकर खरी-खोटी

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News India Live, Digital Desk: उत्तर प्रदेश की राजनीति से एक और विवाद सामने आया है. राज्य के वरिष्ठ राजनेता और विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष माता प्रसाद पांडे (Mata Prasad Pandey) को बरेली जाने से रोक दिया गया, जिस पर वे बेहद आक्रोशित हो गए. पुलिस और प्रशासन की इस कार्रवाई पर भड़कते हुए उन्होंने तीखे सवाल दागे और कहा, "हमको दरोगा चिट्ठी लिखता है?". उन्होंने प्रशासन पर मनमाने तरीके से काम करने का आरोप लगाते हुए जमकर अपनी भड़ास निकाली.

क्या है पूरा मामला?

 माता प्रसाद पांडे बरेली जाना चाह रहे थे, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने उन्हें शहर में प्रवेश करने से रोक दिया. ऐसा माना जा रहा है कि यह कार्रवाई बरेली में हाल ही में हुए दंगों या तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए की गई थी, जिसके कारण धारा 144 या इसी तरह के प्रतिबंध लागू थे. प्रशासन अक्सर ऐसी स्थिति में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए राजनीतिक और संवेदनशील व्यक्तियों की आवाजाही को नियंत्रित करता है.

माता प्रसाद पांडे का कड़ा रिएक्शन:

पूर्व स्पीकर माता प्रसाद पांडे ने प्रशासन द्वारा उन्हें रोके जाने पर सख्त आपत्ति जताई. उन्होंने अधिकारियों से सवाल किया कि एक विधायक, और विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष होने के नाते क्या उन्हें एक दरोगा चिट्ठी लिखकर यह आदेश दे सकता है? उनके अनुसार यह कार्रवाई प्रोटोकॉल का उल्लंघन थी और राजनीतिक हस्तियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार नहीं था. उन्होंने कहा कि यह एक तरह की तानाशाही है जहां लोगों को अपने मन मुताबिक चलने से रोका जा रहा है.

इस घटना से उत्तर प्रदेश में राजनीतिक और प्रशासनिक नियंत्रण पर फिर से सवाल उठ खड़े हुए हैं. विपक्ष अक्सर भाजपा सरकार पर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की आवाज दबाने और तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाता रहा है. माता प्रसाद पांडे जैसे वरिष्ठ नेता को इस तरह रोकना निश्चित रूप से आने वाले दिनों में और सियासी तूफान ला सकता है.

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