Maharashtra Election controversy : हमारे पास कोई अर्जी ही नहीं आई, कांग्रेस के SMS रोकने के आरोपों पर TRAI का दो टूक जवाब

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News India Live, Digital Desk: Maharashtra Election controversy : राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का खेल कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस बार यह मामला थोड़ा अलग है. कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) पर एक बड़ा और गंभीर आरोप लगाया. कांग्रेस का कहना था कि महाराष्ट्र चुनाव में "वोट चोरी" से जुड़ी एक डॉक्यूमेंट्री का लिंक जब वे अपने कार्यकर्ताओं को बल्क SMS के ज़रिए भेजना चाह रहे थे, तो TRAI ने उनकी इस कोशिश को नाकाम कर दिया. कांग्रेस ने इसे जानकारी को दबाने की एक सोची-समझी साज़िश बताया था.

अब इस पूरे मामले पर TRAI ने अपनी चुप्पी तोड़ी है और कांग्रेस के इन सभी दावों को सिरे से खारिज कर दिया है. TRAI ने जो जवाब दिया है, उससे यह पूरा मामला ही पलट गया है.

TRAI ने दी सफाई, समझाया अपना काम

ट्राई ने साफ-साफ कहा है कि उनका काम SMS को रोकना या भेजना नहीं है उन्होंने समझाया कि उनकी भूमिका सिर्फ नियम-कानून बनाने की है. आसान भाषा में समझें तो, TRAI एक तरह से ट्रैफिक पुलिस की तरह है जो सड़क पर चलने के नियम बनाती है, लेकिन हर गाड़ी को चलाने की परमिशन नहीं देती.

किसी भी व्यक्ति या संस्था को अगर बल्क SMS भेजना होता है, तो उसकी अर्जी सीधे टेलीकॉम कंपनियों (जैसे जियो, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया) के पास जाती है. ये कंपनियां ही TRAI द्वारा बनाए गए नियमों के आधार पर किसी भी SMS को भेजने की अनुमति देती हैं या उसे खारिज करती हैं.

"कोई अर्जी खारिज होती तो हमें पता चलता"

TRAI ने अपनी सफाई में सबसे बड़ी बात यह कही कि उनके पास ऐसी कोई जानकारी या शिकायत आई ही नहीं कि किसी टेलीकॉम ऑपरेटर ने कांग्रेस की बल्क SMS की अर्जी को खारिज किया हो. ट्राई के मुताबिक, अगर कोई टेलीकॉम कंपनी किसी के SMS आवेदन को खारिज करती है, तो उसे नियमों के तहत इसकी जानकारी ट्राई को देनी होती है. इस मामले में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.

ट्राई ने स्पष्ट किया कि उनका इस पूरे मामले में कोई सीधा दखल है ही नहीं और उन पर लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद हैं. इस जवाब के बाद अब कांग्रेस के दावों पर ही सवाल खड़े हो गए हैं.

 

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