Lucknow's big jump in cleanliness ranking: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सराहा यूपी की स्वच्छता का अभियान लखनऊ ने बनाया नया रिकॉर्ड

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News India Live, Digital Desk: Lucknow's big jump in cleanliness ranking: देश में स्वच्छ भारत अभियान का सकारात्मक प्रभाव दिख रहा है और इसमें उत्तर प्रदेश के शहरों ने भी अब अपना लोहा मनवाया है। हाल ही में जारी स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 की रैंकिंग में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ ने एक शानदार छलांग लगाई है। पिछले साल यानी 2022 की रैंकिंग में 44वें स्थान पर रहा लखनऊ इस बार देशभर के 10 लाख से ज़्यादा आबादी वाले शहरों की श्रेणी में सीधे 12वें स्थान पर पहुंच गया है। इस कैटेगरी में यह यूपी का सबसे स्वच्छ शहर बन गया है, जो राज्य के लिए गर्व का विषय है।

राजधानी लखनऊ की इस उपलब्धि के पीछे कई वजहें हैं। नगर निगम द्वारा लागू किए गए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के वैज्ञानिक तरीकों, पूरी तरह से घर-घर जाकर कूड़ा उठाने की व्यवस्था, और नागरिकों की सक्रिय भागीदारी ने इस प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्वच्छ सर्वेक्षण का मूल्यांकन कचरा मुक्त शहरों की रेटिंग (जीएफसी) और ओडीएफ++ (खुले में शौच मुक्त) स्थिति जैसे मानकों पर आधारित होता है। इन मानकों पर खरा उतरकर लखनऊ ने अपनी स्वच्छता का परचम लहराया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में नगर निगम के अधिकारियों को सम्मानित भी किया।

केवल लखनऊ ही नहीं, उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों ने भी स्वच्छता के मामले में अपनी स्थिति सुधारी है। 1 से 10 लाख तक की आबादी वाले शहरों में, नोएडा देशभर में 14वें स्थान पर आकर इस श्रेणी में यूपी का सबसे स्वच्छ शहर बना है। इसके अलावा, राज्य के प्रमुख शहरों जैसे गाजियाबाद (20वां), प्रयागराज (22वां), वाराणसी (23वां), कानपुर (29वां) और आगरा (37वां) ने भी बेहतर प्रदर्शन किया है। हालांकि, बड़े शहरों में फिरोजाबाद का स्थान सबसे अंतिम रहा है।

कुल मिलाकर, इंदौर और सूरत को भले ही लगातार सातवीं बार सबसे स्वच्छ शहर का संयुक्त विजेता घोषित किया गया हो, और नवी मुंबई तीसरे स्थान पर रहा हो, लेकिन उत्तर प्रदेश ने भी इस दौड़ में अपनी अहमियत साबित की है। यह साफ दर्शाता है कि शहरी साफ-सफाई और अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर राज्य में ज़मीनी स्तर पर काफी काम हो रहा है, जिसका सीधा फायदा नागरिकों को मिल रहा है और शहरों की छवि में भी सुधार आ रहा है। यह प्रवृत्ति भविष्य में और भी स्वच्छ और रहने योग्य उत्तर प्रदेश के शहरों का मार्ग प्रशस्त करेगी।

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