लखनऊ का कायाकल्प: 7 करोड़ के 'मोती पार्क' से लेकर स्मार्ट हजरतगंज तक, शहर में विकास की नई लहर!

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लखनऊ अपनी पहचान को और निखारने के लिए कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं को साकार करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। ऐशबाग की मोतीझील के पास एक भव्य 'मोती पार्क' के निर्माण से लेकर हजरतगंज को 'स्मार्ट' लुक देने तक, ये पहल शहरवासियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने और पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर केंद्रित हैं।

मोतीझील बनेगा सिटी फॉरेस्ट: 7 करोड़ से होगा भव्य पार्क का निर्माण

ऐशबाग क्षेत्र में स्थित मोतीझील के किनारे लगभग 11 हेक्टेयर भूमि पर 7 करोड़ रुपये की लागत से एक शानदार 'मोती पार्क' विकसित किया जाएगा। इस पार्क में आगंतुकों के लिए वॉकिंग ट्रैक, कियोस्क, पार्किंग और आरामदायक बैठने की सुविधाएं होंगी। इस परियोजना की सबसे खास बात यह है कि अब मोतीझील में बिना उपचारित किया हुआ सीवेज नहीं जाएगा। झील में बहने वाले पानी को 'कंस्ट्रक्टेड वेटलैंड सिस्टम' (Constructed Wetland System) नामक उन्नत प्रणाली से उपचारित कर झील में छोड़ा जाएगा, जिससे इसका पारिस्थितिकी तंत्र भी सुरक्षित रहेगा।

अटल पार्क की तर्ज पर संवारकर 'इको-लॉजिकल ज़ोन' और 'शक्ति वन' का भी होगा विकास

एलडीए (लखनऊ विकास प्राधिकरण) के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार के अनुसार, जमुना झील के पास से अवैध कब्जों को हटाकर 'अटल पार्क' का निर्माण पहले ही किया जा चुका है। अब इसी तर्ज पर मोतीझील क्षेत्र को भी विकसित किया जाएगा। ऐशबाग रोड से मोती पार्क तक पहुँचने के लिए एक नया संपर्क मार्ग भी बनाया जाएगा।

इसके अतिरिक्त, कुकरैल नदी के पास भीखमपुर की खाली कराई गई भूमि को एक 'इकोलॉजिकल ज़ोन' के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसे 'सौमित्र वन' नाम दिया जाएगा। इस परियोजना का जिम्मा एलडीए के पास होगा, जिसमें वन विभाग सहयोगी के तौर पर काम करेगा। नगर निगम को भी 'शक्ति वन' के निर्माण कार्य को तेज करने के निर्देश दिए गए हैं।

चरक चौराहे का ट्रैफिक बदलेगा, हजरतगंज को मिलेगा यूनिफॉर्म 'स्मार्ट' लुक

पुराने लखनऊ के सबसे व्यस्त इलाकों में से एक, चरक चौराहे के ट्रैफिक डिज़ाइन में भी सुधार किया जाएगा। वर्तमान में, सड़क के किनारे स्थित रोटरी यातायात प्रवाह में बाधा उत्पन्न कर रही थी। इसे बीच में लाकर सड़क को चौड़ा किया जाएगा। साथ ही, नींबू पार्क से चरक चौराहे तक की सड़क का भी पुनर्निर्माण और चौड़ीकरण किया जाएगा।

लखनऊ के 'दिल' हजरतगंज को अब एक नया 'यूनिफॉर्म और स्मार्ट' लुक मिलेगा। 'फेकेड कंट्रोल गाइडलाइन' (Facade Control Guideline) के तहत, यहाँ की दुकानों, भवनों, साइनेज, स्ट्रीट लाइटों, बेंचों और रेलिंग का रंग और डिज़ाइन अंतिम रूप दे दिया गया है। व्यापारियों को इसके लाइव सैंपल भी दिखाए गए हैं ताकि वे आने वाले बदलावों को आसानी से समझ सकें। इसके साथ ही, व्यापारियों द्वारा उठाई गई सीवर और जलापूर्ति जैसी समस्याओं पर भी तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

यह व्यापक विकास योजनाएं न केवल लखनऊ की सुंदरता में चार चांद लगाएंगी, बल्कि शहरवासियों को सुविधा, बेहतर पर्यावरण और सुगम यातायात की सौगात भी देंगी।

 

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