Lucknow crime : ये डिजिटल अरेस्ट क्या बला है? लखनऊ में बाप-बेटे को 55 घंटे बंधक बनाकर ठगों ने लूटे 1.29 करोड़ रुपये
News India Live, Digital Desk: अगर आपके पास फोन आए और कोई खुद को पुलिस या CBI का बड़ा अफसर बताकर कहे कि "आप एक बड़े क्राइम में फंस गए हैं और हम आपको गिरफ्तार कर रहे हैं", तो आप क्या करेंगे? शायद आप घबरा जाएंगे. बस इसी घबराहट का फायदा उठाकर आजकल ठगों ने लोगों को लूटने का एक नया और बेहद खतरनाक तरीका निकाल लिया है, जिसे कहते हैं - 'डिजिटल अरेस्ट'.
साइबर ठगी का ऐसा ही एक रौंगटे खड़े कर देने वाला मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सामने आया है, जहां एक पढ़े-लिखे मर्चेंट नेवी के पूर्व अफसर और उनके पिता ठगों के इस जाल में ऐसे फंसे कि उन्होंने 55 घंटों में 1 करोड़ 29 लाख रुपये गंवा दिए.
कैसे बनाया बाप-बेटे को निशाना?
यह खौफनाक खेल शुरू हुआ एक फोन कॉल से. लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार में रहने वाले मर्चेंट नेवी के पूर्व अफसर के पास ठगों का फोन आया. फोन करने वाले ने खुद को मुंबई पुलिस का अफसर बताया और कहा कि उनके नाम पर भेजे गए एक पार्सल में ड्रग्स, कई देशों के पासपोर्ट और एटीएम कार्ड मिले हैं.
यह सुनकर अफसर के होश उड़ गए. अभी वो कुछ समझ पाते, इससे पहले ही ठगों ने उन्हें स्काइप (Skype) पर वीडियो कॉल में शामिल होने का आदेश दिया.
55 घंटों तक कैमरे की कैद में 'डिजिटल गिरफ्तारी'
स्काइप पर जुड़ते ही ठगों का असली खेल शुरू हुआ. उन्होंने अफसर को धमकाते हुए कहा कि वे एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंस गए हैं. भरोसे के लिए ठगों ने उन्हें नकली FIR, फर्जी गिरफ्तारी वारंट और CBI के नकली पहचान पत्र भी दिखाए.
इसके बाद ठगों ने उन्हें और उनके पिता को 'डिजिटल अरेस्ट' कर लिया. इसका मतलब था कि उन्हें 55 घंटों तक लगातार स्काइप वीडियो कॉल पर कैमरे के सामने रहना था. उन्हें किसी से भी बात करने, फोन इस्तेमाल करने या घर से बाहर जाने की सख्त मनाही थी. ठग लगातार कैमरे से उन पर नजर रख रहे थे.
"केस खत्म कराना है तो पैसे दो"
इस डिजिटल कैद के दौरान, ठगों ने बाप-बेटे को बुरी तरह डराया और धमकाया. उन्होंने कहा कि अगर इस केस से बचना है तो 'जांच' के लिए उन्हें पैसे ट्रांसफर करने होंगे. खौफ के साए में बाप-बेटे ने अपने अलग-अलग बैंक खातों से ठगों द्वारा बताए गए खातों में कुल 1 करोड़ 29 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए.
पूरी जमापूंजी लुट जाने के बाद जब ठगों ने कॉल काटी, तब उन्हें अहसास हुआ कि वे किसी बहुत बड़ी ठगी का शिकार हो चुके हैं. अब उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और साइबर सेल इस मामले की जांच कर रही है.
यह घटना हम सभी के लिए एक चेतावनी है. अगर कोई भी फोन पर खुद को पुलिस या कोई सरकारी अधिकारी बताकर आपको डराए या पैसे मांगे, तो तुरंत सावधान हो जाएं और अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में संपर्क करें.
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