कानूनी सवाल: अगर पत्नी गहने लेकर घर से चली जाए तो पति क्या कर सकता है? जानिए क्या कहता है कानून
कई बार वैवाहिक जीवन में मतभेद, झगड़े या तनाव के कारण पत्नी अपने पति का घर छोड़कर अपने माता-पिता के पास या कहीं और रहने चली जाती है। लेकिन अगर पत्नी अपने साथ गहने, नकदी या अन्य कीमती सामान ले जाती है, तो यह जानना ज़रूरी है कि उस स्थिति में पति के पास क्या कानूनी उपाय उपलब्ध हैं।
भारतीय कानून के अनुसार, विवाह के दौरान पत्नी को मिले आभूषण, नकदी, उपहार या संपत्ति को "स्त्रीधन" कहा जाता है। यह महिला का व्यक्तिगत अधिकार है। पति या ससुराल वालों का इस पर कोई मालिकाना हक नहीं होता। यदि पत्नी घर के अन्य लोगों की संपत्ति या पारिवारिक सामान ले जाती है, तो उस मुद्दे पर अलग से कानूनी कार्रवाई संभव है।

पति क्या कानूनी कदम उठा सकता है?: पुलिस में शिकायत: यदि पत्नी पति या परिवार की संपत्ति, नकदी, गहने या दस्तावेज ले लेती है और उन्हें वापस नहीं करती है, तो पति धारा 406 - आपराधिक विश्वासघात (आईपीसी) के तहत शिकायत दर्ज कर सकता है।

सिविल मुकदमा: पति अपनी पत्नी की संपत्ति पर दावा करने के लिए सिविल न्यायालय में वसूली हेतु सिविल मुकदमा दायर कर सकता है।

मध्यस्थता/परामर्श: यदि मामला व्यक्तिगत तनाव का है, तो पुलिस या पारिवारिक न्यायालय के माध्यम से मामले को सुलझाने का रास्ता निकाला जा सकता है।

पारिवारिक न्यायालय में आवेदन: यदि विवाह टूट गया है, तो पति वैवाहिक अधिकारों की पुनर्स्थापना (धारा 9, हिंदू विवाह अधिनियम) के तहत पारिवारिक न्यायालय में आवेदन दायर करके अपनी पत्नी को वापस लौटने का अनुरोध कर सकता है।

पतियों के लिए कानूनी सावधानियां: अपनी पत्नी पर झूठे आरोप न लगाएँ। हर लेन-देन (बिल, बैंक लेनदेन, संदेश, वीडियो आदि) का सबूत रखें। कोई भी शिकायत दर्ज करने से पहले वकील की सलाह लेना ज़रूरी है।

ऐसी स्थिति में जब पत्नी घर से गहने लेकर चली जाती है, तो न केवल भावनात्मक तनाव हो सकता है, बल्कि कानूनी समस्याएँ भी हो सकती हैं। लेकिन कानून दोनों पक्षों की रक्षा करता है—अगर पत्नी के पास वास्तव में अपनी वधू-मूल्य है, तो वह उसे वापस नहीं मांग सकती; लेकिन अगर पारिवारिक संपत्ति छीन ली गई है, तो पति कानूनी कार्रवाई कर सकता है।
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