टाइप 2 मधुमेह और हृदय रोग के बीच संबंध के बारे में जानें

Post

टाइप 2 मधुमेह एक चयापचय रोग है जिसमें शरीर इंसुलिन का उचित उपयोग नहीं कर पाता या पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता, जिसके कारण रक्त शर्करा का स्तर लगातार उच्च बना रहता है।

महिलाओं में, यह समस्या हार्मोनल परिवर्तन, मोटापा, अस्वास्थ्यकर जीवनशैली और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम पीसीओएस जैसी स्थितियों के कारण और भी बढ़ जाती है। इसके अलावा, गर्भावधि मधुमेह से पीड़ित महिलाओं में आगे चलकर टाइप 2 मधुमेह होने की संभावना अधिक होती है। शारीरिक गतिविधि की लगातार कमी, तनाव और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों के बजाय प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का अत्यधिक सेवन भी इस बीमारी में योगदान करते हैं।

मधुमेह का शरीर पर प्रभाव:

जब रक्त शर्करा का स्तर लंबे समय तक उच्च रहता है, तो यह शरीर के अधिकांश अंगों को प्रभावित करता है। मधुमेह गुर्दे, आँखों, नसों, मस्तिष्क और हृदय को प्रभावित करता है। यह न्यूरोपैथी, रेटिनोपैथी (आँखों की समस्या) और गुर्दे की विफलता जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। महिलाओं में, यह हार्मोनल असंतुलन, अनियमित मासिक धर्म चक्र और गर्भावस्था संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है। मधुमेह प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है, जिससे संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है और घावों को ठीक होने में अधिक समय लगता है।

टाइप 2 मधुमेह और हृदय रोग के बीच संबंध:

दिल्ली एमसीडी के मेडिसिन विभाग के डॉ. अजय कुमार के अनुसार, टाइप 2 डायबिटीज और हृदय संबंधी बीमारियों के बीच गहरा संबंध है। डायबिटीज न केवल रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाता है, बल्कि कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप को भी बढ़ाता है। इससे रक्त वाहिकाओं की दीवारों में वसा जमा हो जाती है, जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस कहते हैं। इस स्थिति में दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यह खतरा अधिक होता है, क्योंकि हार्मोनल परिवर्तन और एस्ट्रोजन का प्रभाव, मधुमेह के साथ मिलकर हृदय की कार्यक्षमता को काफी प्रभावित करते हैं। एनआईएचआर लीसेस्टर बायोमेडिकल रिसर्च सेंटर (बीआरसी) के अनुसार, मधुमेह से पीड़ित महिलाओं में पुरुषों की तुलना में हृदय संबंधी समस्याएं होने की संभावना 2 से 3 गुना अधिक होती है। इसलिए, महिलाओं को मधुमेह को हल्के में नहीं लेना चाहिए और इसे समय पर नियंत्रित करने पर ध्यान देना चाहिए।

रोकथाम के लिए क्या करें?

1. नियमित रक्त शर्करा परीक्षण: समय पर अपने रक्त शर्करा के स्तर की जांच करें।

2. स्वस्थ आहार: कम चीनी, उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ खाएं।

3. शारीरिक गतिविधि: प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट शारीरिक व्यायाम करें।

4. वजन नियंत्रण**: अपने शरीर के वजन को संतुलित रखें।

5. तनाव प्रबंधन: योग, ध्यान और पर्याप्त नींद के माध्यम से तनाव कम करें।

6. धूम्रपान और शराब छोड़ें: धूम्रपान और शराब पीने से बचें।

7. स्वास्थ्य जांच: अपने कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप की नियमित जांच करवाएं।

टाइप 2 मधुमेह महिलाओं में हृदय रोग का एक प्रमुख जोखिम कारक है। इसलिए, रोग का शीघ्र पता लगाने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से इस जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। नियमित स्वास्थ्य जाँच और सतर्कता के माध्यम से महिलाएं अपने हृदय स्वास्थ्य को बनाए रख सकती हैं।

--Advertisement--

--Advertisement--